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प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में केंद्र काट सकता है झारखंड का पैसा

रांची : प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की राशि को लेकर राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रावधान का उल्लंघन किया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रांश विमुक्त करने के बावजूद राज्य सरकार अपना हिस्सा तय समय में नहीं दे रही है और न ही प्रावधान के मुताबिक केंद्रांश की राशि की निकासी हो रही है, बल्कि […]

रांची : प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की राशि को लेकर राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रावधान का उल्लंघन किया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रांश विमुक्त करने के बावजूद राज्य सरकार अपना हिस्सा तय समय में नहीं दे रही है और न ही प्रावधान के मुताबिक केंद्रांश की राशि की निकासी हो रही है, बल्कि केंद्र से मिली राशि अधिक समय तक समेकित निधि में पड़ी रह जा रही है. इस मामले पर केंद्र सरकार ने पहले भी राज्य सरकार के अफसरों का ध्यान आकृष्ट कराया है.
केंद्र के अफसरों ने यह भी कहा था कि इस मामले में प्रावधान का पालन किया जाये. इसके बाद राज्य के अफसरों ने केंद्रीय अफसरों से संपर्क कर मामले का हल निकाल लेने का आश्वासन दिया था. लेकिन इस बार भी यही स्थिति हो रही है. ऐसे में केंद्र सरकार प्रावधान के मुताबिक राज्यांश के हिस्से से 12 फीसदी ब्याज के रूप में राशि काट सकती है.
केंद्र सरकार ने योजना के लिए 538 करोड़ रुपये दिये हैं : जानकारी के मुताबिक इस बार केंद्र सरकार ने योजना के लिए राज्य सरकार को 538 करोड़ रुपये दिये हैं. प्रावधान के मुताबिक उक्त राशि को समेकित निधि से निकाल कर राज्य के संबंधित नोडल खाते में जमा करा देना है.
इसके लिए तीन दिन का समय निर्धारित है. वहीं केंद्रांश विमुक्त होने के 12 दिनों के अंदर राज्य को भी अपना शेयर दे देना है, लेकिन राज्य ने उक्त केंद्रांश के विरुद्ध में तय समय के अंदर राज्यांश भी नहीं दिया है. एेसे में राज्यांश की राशि में से 12 फीसदी राशि काट कर अगली बार केंद्र सरकार पैसा विमुक्त करेगी. हैरत यह है कि हर साल राज्य सरकार की अोर से देरी की जा रही है, जिससे प्रावधान का पालन नहीं हो रहा है.

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