नयी दिल्ली : सरकार ने बीको लॉरी लिमिटेड को बंद करने का फैसला किया है. पेट्रोलियम कंपनियों ने लंबे समय से बीमार ब्रिटिश काल की इस इकाई को खरीदने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने पेट्रोलियम मंत्रालय के इस इकाई को बंद करने के प्रस्ताव पर यह फैसला किया है.
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मंत्रालय का कहना था कि इस इकाई के पुनरुद्धार की कोई गुंजाइश नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में बीको लॉरी को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कंपनी के कर्मचारियो को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) तथा स्वैच्छिक रूप से अलग होने (वीएसएस) योजना की पेशकश की जायेगी.
सरकार के मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत सभी देनदारियों को पूरा करने के बाद बीको लॉरी की निष्क्रिय संपत्तियों को उत्पादक कार्यों में लगाया जायेगा. कोलकाता स्थित कंपनी बीको लॉरी की स्थापना 1919 में ब्रिटिश इंडिया इलेक्ट्रिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के रूप में की गयी थी. इस कंपनी ने चाय बागान मशीन विनिर्माता के रूप में शुरुआत की थी. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कंपनी ने सेना के लिए शेल केस, फूड कंटेनर और छद्म ढांचे बनाये थे.
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