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पितृपक्ष का समापन, नदी घाटों पर तर्पण व पिंडदान को उमड़े श्रद्धालु
दुर्गापुर : पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिये जो दिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है, उसे हम महालया अमावस्या के नाम से जानते हैं. श्राद्ध पक्ष, जिसे पितृपक्ष भी कहते हैं, भाद्र पद मासकी पूर्णिमा को प्रारंभ होता है तथा 16 दिनों के बाद आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है और […]
दुर्गापुर : पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिये जो दिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है, उसे हम महालया अमावस्या के नाम से जानते हैं. श्राद्ध पक्ष, जिसे पितृपक्ष भी कहते हैं, भाद्र पद मासकी पूर्णिमा को प्रारंभ होता है तथा 16 दिनों के बाद आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है और इसी अमावस्या को ही महालया अमावस्या भी कहते हैं.
आज ही के दिन पितृपक्ष का समापन और देवीपक्ष का शुभारम्भ होता है. इस दिन सुबह से ही दामोदर और अजय नदी के विभिन्न घाटों पर तर्पण करने वालों की भारी भीड़ देखी गई. लोगों ने नदी घाटों पर पवित्र स्नान कर मंत्रोच्चारण के बीच पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया. शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार देवी पक्ष के पूर्ववती कृष्ण प्रतिपदा के दिन पितर मृत्यु लोक में उतर आते हैं.
इसलिए महालया के दिन पितरों को जल अर्पित किये जाने की परंपरा है. ऐसा मानना है कि सर्वपितृ विसर्जन या महालया अमावस्या के दिन ब्राह्मणों, गायों, कौओं और बूढे-बुजुर्गों के रूप में किन्हीं भी चार जीवों को भोजन करवाये, तो उसके पितर संतुष्ट होजाते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि श्राद्ध पक्ष के समय ही भारतीय उपमहाद्वीप में नई फसलें पकनी शुरू होती है जो कि हिन्दू नववर्ष के अनुसार साल की पहली फसल होती है.
इसलिए हमारे पूर्वजों का सम्मान करने और उनका आभार प्रकट करने के उद्देश्य से नई फसल का पहला अन्न उन्हे पिंड के रूप में भेंट किया जाता है. इसके बाद ही लोग नवरात्रि, विजयादशमी और दीपावली जैसे त्यौहारों का जश्न मनाते हैं.
ब्राह्मणी नदी में किया पितरों को तर्पण
पानागढ़. वीरभूम जिले के अकालीपुर स्थित ब्राह्मणी नदी में सोमवार को स्थानीय लोगों के साथ ही अन्य इलाकों से आये लोगो ने दिवंगत पूर्वजों के नाम पर पितरों का तर्पण किया. इस दौरान काफी संख्या में लोग तर्पण के लिये नदी घाट पहुंचे थे. स्नान करने के बाद लोगों ने विधिवत रूप से तर्पण किया.
बांकुड़ा के गंधेश्वरी नदी घाट पर किया तर्पण
बांकुड़ा. देवी पक्ष के शुरू होते ही महालया के अवसर पर सोमवार को बांकुड़ा के गंधेश्वरी नदी घाट पर तर्पण करने वालों की भारी भीड़ उमड़ी. द्वारकेश्वर नदीं घाट पर यहीं नजारा दिखा. तर्पण के वक्त लोगों इस वर्ष घाटों पर गंदगी एवं अव्यवस्था के सम्मुखीन नहीं होना पड़ा क्योंकि एक सप्ताह पहले ही बांकुड़ा नगरपालिका के वाइस चैयरमैन दिलीप अग्रवाल के प्रयास एवं देखरेख में नदी घाटों की सफाई करायी गयी थी. यहां घाटों की सीढ़ियों को नया रूप दिया गया है. सुरक्षा का भी इंतजाम किया गया था.
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