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नामांकन रद्द करने का दावा, कॉलेज ने न फीस लौटायी, न ही दिया नोटिस

जमशेदपुर : बीएड नामांकन में हुई गड़बड़ी के मामले में ग्रेजुएट कॉलेज प्रशासन लगातार पीड़ित छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है. नामांकन रद्द करने के घोषणा के अलावा अब तक कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश से वंचित की गयी छात्राओं के नाम तक सार्वजनिक नहीं किये हैं. छात्राओं से वसूली गयी फीस और प्रवेश […]

जमशेदपुर : बीएड नामांकन में हुई गड़बड़ी के मामले में ग्रेजुएट कॉलेज प्रशासन लगातार पीड़ित छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है. नामांकन रद्द करने के घोषणा के अलावा अब तक कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश से वंचित की गयी छात्राओं के नाम तक सार्वजनिक नहीं किये हैं. छात्राओं से वसूली गयी फीस और प्रवेश रद्द होने की नोटिस तक छात्राओं को नहीं दी गयी है.
अनियमितता की जांच के लिए सोमवार को विवि की टीम कॉलेज आने वाली है. विवि के स्तर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी का चेयरमैन प्रॉक्टर डॉ एके झा को बनाया गया है. विवि सूत्रों की मानें तो जांच कमेटी की ओर से कॉलेज प्राचार्य डॉ सत्यरुपा श्रीवास्तव को महाविद्यालय में मौजूद रहने के लिए कहा गया है.
विवि के वोकेशनल सेल की भूमिका सवालों के घेरे में. बीएड विवाद पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए झारखंड छात्र मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष मो सरफराज ने कहा कि जिस तरह से अलग-अलग अंगीभूत कॉलेजों में बीएड दाखिले के नाम पर पिछले कुछ वर्षों से लगातार हो रही गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं.
ऐसे में विवि के वाेकेशनल सेल की भूमिका सवालों के घेरे में है. इस मामले में निष्पक्ष जांच की गयी तो कई सफेदपोश लोगों के चेहरे से नकाब उतर जायेगा.
जांच समिति को सौंपेंगे अपना पक्ष : खुशबू
बीएड में नामांकन रद्द होने वाली छात्राओं में शामिल कॉलेज की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष खुशबू लामा ने कहा कि वह टीम को अपना आवेदन सौंपेंगी. मामले की जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर सार्वजनिक करने की मांग करेंगी. पिछले दस दिनों से उन्हें कक्षा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है. नामांकन रद्द करने की कोई सूचना तक कॉलेज प्रशासन की ओर से नोटिस बाेर्ड पर चस्पा नहीं की गयी.
प्राचार्या द्वारा चौथे लिस्ट के प्रकाशन का दावा किया जा रहा है. कॉलेज को सबसे पहले रिक्त सीटों का विवरण सार्वजनिक करना चाहिये. उन्होंने कहा कि विवि में बैठक कुछ पदाधिकारियों के निर्देश पर यह पूरा खेल हो रहा है. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. अगर विवि की टीम निष्पक्ष जांच कर दोषी लोगों को कार्रवाई नहीं करती, तो वह इस मामले में न्यायालय की शरण लेंगी. विवि से लेकर कॉलेज तक के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ केस दायर करेंगी.

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