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स्कूली बस ने शिक्षक को कुचला

पटना : गांधी मैदान थाने के जेपी गोलंबर पर शुक्रवार की सुबह सात बजे तीव्र गति से आ रही एक स्कूल बस ने बुद्धा कॉलोनी स्थित बीडी पब्लिक स्कूल के गणित के शिक्षक संजय पांडेय (32) को कुचल दिया. इससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. उनकी पहचान पास से मिले मोबाइल फोन से […]

पटना : गांधी मैदान थाने के जेपी गोलंबर पर शुक्रवार की सुबह सात बजे तीव्र गति से आ रही एक स्कूल बस ने बुद्धा कॉलोनी स्थित बीडी पब्लिक स्कूल के गणित के शिक्षक संजय पांडेय (32) को कुचल दिया. इससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. उनकी पहचान पास से मिले मोबाइल फोन से की गयी.
संजय पांडेय आठ साल से बीडी पब्लिक स्कूल में शिक्षक थे. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया. इस घटना के बाद संजय पांडेय के चचेरे भाई रमाकांत पांडेय ने अज्ञात वाहन के खिलाफ ट्रैफिक थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. रमाकांत पांडेय ने बताया कि पुलिस ने उन लोगों को जानकारी दी है कि सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज में उस बस के सेंट जेवियर स्कूल होने की बात बतायी जा रही है.
घर से स्कूल जाने के क्रम में हुई घटना :
संजय पांडेय प्रतिदिन अपने जगतनारायण रोड स्थित घर से बीडी पब्लिक स्कूल जाने के लिए गांधी मैदान होते हुए जाते थे. इसी दौरान शुक्रवार को भी अपनी बाइक से जा रहे थे और जेपी गोलंबर पर मुड़ कर सेंट जेवियर की ओर बढ़ने की कोशिश करने लगे और दूसरी दिशा से आ रही स्कूल बस ने उन्हें कुचल दिया.
इसके बाद बस चालक वहां से अपनी गाड़ी को लेकर फरार हो गया. संजय पांडेय मूल रूप से राजघरसा, मेंहदिया, अरवल के रहने वाले हैं. हालांकि, वे अपनी पत्नी व चार साल की बेटी ओमी के साथ जगतनारायण रोड में धरहरा कोठी इलाके में शशिभूषण प्रसाद के मकान में किरायेदार के रूप में रह रहे थे.
दोनों भाई डीएवी में हैं शिक्षक : ये छह भाइयों में तीसरे नंबर पर थे. सबसे बड़े भाई सत्येंद्र पांडेय, दूसरे नंबर पर विजेंद्र पांडेय हैं. ये दोनों ही भाई डीएवी पटना में ही शिक्षक हैं. इनके अलावा चौथे नंबर पर धनंजय पांडेय, पांचवें नंबर पर चितरंजन पांडेय व छठे नंबर पर शशि कुमार पांडेय हैं.
इंजीनियरिंग छोड़ शिक्षण से जुड़े थे संजय पांडेय
संजय पांडेय इंजीनियरिंग को छोड़ शिक्षण के क्षेत्र में आये थे. बीडी पब्लिक स्कूल के निदेशक एसबी राय ने बताया कि तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद उन्होंने बीएड की डिग्री हासिल की थी. चूंकि शिक्षण के पेशे से उन्हें बहुत अधिक लगाव था, इस कारण इंजीनियरिंग के बजाय शिक्षक की नौकरी की.
उन्होंने बीपीएससी की मेंस परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी. आत्मविश्वास से लबरेज संजय पांडेय को पूरा भरोसा था कि बीपीएससी में उनका चयन होगा. स्कूल में वह पिछले आठ वर्ष से कार्यरत थे. स्वभाव से नम्र व मृदुल संजय पांडेय विद्यार्थियों के बीच काफी लोकप्रिय थे. उनकी मौत की सूचना मिलते ही स्कूल परिवार में शोक की लहर दौड़ गयी. स्कूल में शोकसभा कर छुट्टी कर दी गयी. उसके बाद निदेशक श्री राय समेत शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उनके घर जा कर शोकसंतप्त परिजनों को सांत्वना दी.

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