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पूरे देश में चल रहा है अभियान, लेकिन हाइकोर्ट लॉयर्स चेंबर बिल्डिंग में फैली है गंदगी
रांची : ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत पूरे देश में ‘स्वच्छता ही सेवा’ नाम से बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन, इस अभियान का असर झारखंड हाइकोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट एसोसिएशन के लॉयर्स चेंबर की बिल्डिंग में नहीं दिख रहा है. यहां के गंदे शौचालय, पान व गुटखे की पीक से […]
रांची : ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत पूरे देश में ‘स्वच्छता ही सेवा’ नाम से बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन, इस अभियान का असर झारखंड हाइकोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट एसोसिएशन के लॉयर्स चेंबर की बिल्डिंग में नहीं दिख रहा है. यहां के गंदे शौचालय, पान व गुटखे की पीक से रंगी हुई सीढ़ियां और फ्लोर इसकी दुर्दशा बयां कर रहे हैं.
यह हाल तब है जब इस बिल्डिंग का रखरखाव एडवोकेट एसोसिएशन के ही जिम्मे है. लॉयर्स चेंबर की बिल्डिंग में चार फ्लोर हैं और हर फ्लोर पर दो-दो सार्वजनिक शौचालय बने हुए हैं, लेकिन सही तरीके से रखरखाव नहीं होने के कारण यहां के शौचालय अंदर से इतने गंदे और बदबूदार हो चुके हैं कि कोई इनमें जाना नहीं चाहता है. बहुत मजबूरी होने पर लोग नाक ढक कर अंदर जाते हैं.
हमेशा उठनेवाली दुर्गंध की वजह से इस शौचालय का मुख्य दरवाजा हमेशा बंद रखा जाता है. कुछ शौचालयों में तो अधिवक्ता ताला बंद कर रखते हैं. यदि किसी अधिवक्ता, मुंशी या मुवक्किल को लघुशंका या शाैच जाना होता है, तो वह लॉयर्स चेंबर बिल्डिंग के बजाय हाइकोर्ट के शौचालय का उपयोग करना बेहतर समझता है.
बिल्डिंग में लगी हैं दो लिफ्ट, दोनों की हालत खस्ता
लॉयर्स चेंबर की बिल्डिंग में सफाई का भी घोर अभाव दिखता है. यहां की सीढ़ियां, फ्लोर, दीवार और कोने पान व गुटखे की पीक से लाल हो चुके हैं. बिल्डिंग में दो लिफ्ट भी लगी हैं. हालांकि, इनकी स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है. हालत यह है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
4000 लोग रोजाना आते हैं इस बिल्डिंग में
लगभग 4,000 से अधिक लोग प्रतिदिन हाइकोर्ट आते हैं. इनमें अधिवक्ता, अधिवक्ता लिपिक, मुवक्किल और सुरक्षाकर्मी आदि शामिल हैं. वहीं, एडवोकेट एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट में लगभग 5,000 से अधिक अधिवक्ता सदस्य हैं.
हाइकोर्ट बिल्डिंग में शौचालयों की स्थिति बेहतर
हाइकोर्ट बिल्डिंग में बनाये गये शौचालयों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है. जनहित याचिका दायर होने के बाद शौचालयों की नये सिरे से मरम्मत करायी गयी थी. साथ ही हैंडवाॅश भी उपलब्ध कराये गये. हालांकि, प्रभात खबर की टीम ने जब यहां का निरीक्षण किया, तो शौचालयों में हैंडवाॅश नजर नहीं आया. महाधिवक्ता कार्यालय का शौचालय भी साफ-सुथरा नजर आया.
लॉयर्स चेंबर बिल्डिंग के शौचालय नरक का आभास कराते हैं. इस कारण अधिकतर अधिवक्ता हाइकोर्ट के शौचालय का ही उपयोग करते हैं. कुछ समय पहले हाइकोर्ट का शौचालय भी काफी गंदा रहता था. लेकिन एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट द्वारा जनहित याचिका दायर करने के बाद हाइकोर्ट ने अपने शौचालयों का जीर्णोद्धार कराया.
राजीव कुमार, अधिवक्ता
अधिवक्ताओं और आम मुवक्किलों को हाइजीन में रहने का अधिकार है. यह सुप्रीम कोर्ट का भी कहना है. इसे देखते हुए लॉयर्स चेंबर बिल्डिंग के शाैचालयों को भी दुरुस्त कराने में झारखंड हाइकोर्ट को सहयोग करना चाहिए.
हेमंत कुमार सिकरवार, झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य
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