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दार्जिलिंग हो या इस्लामपुर, भाजपा फैला रही तनाव, दिल्ली के इशारे पर पहाड़ को बर्बाद किया गया – ममता बनर्जी

सिलीगुड़ी. पिछले साल आंदोलन के नाम पर दार्जिलिंग में जो अशांति हुई उसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है. दिल्ली के इशारे पर ही पहाड़ को बर्बाद किया गया. अब वही लोग दूसरे स्थानों पर भी अशांति पैदा कर रहे हैं. उनको सोचना चाहिए कि अशांति से किसी को कुछ नहीं मिलता, केवल […]

सिलीगुड़ी. पिछले साल आंदोलन के नाम पर दार्जिलिंग में जो अशांति हुई उसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है. दिल्ली के इशारे पर ही पहाड़ को बर्बाद किया गया. अब वही लोग दूसरे स्थानों पर भी अशांति पैदा कर रहे हैं. उनको सोचना चाहिए कि अशांति से किसी को कुछ नहीं मिलता, केवल परेशानी होती है, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है.
उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में भी भाजपा के इशारे पर ही गड़बड़ी हुई. यह पार्टी पूरे देश में किसी न किसी तरीके से हिंसा फैलाना चाहती है. केंद्र सरकार और भाजपा पर यह हमला राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बोला. वह गुरुवार को सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मारवाड़ी पैलेस में आयोजित पश्चिम बंगाल हिंदीभाषी परिषद के मिलन समारोह को संबोधित कर रही थीं.
ममता ने कहा कि पहाड़ पर अशांति से सिर्फ दार्जिलिंग को नुकसान नहीं होता. इसका सीधा असर सिलीगुड़ी के लोगों पर भी पड़ता है. इस कार्यक्रम में काफी संख्या में व्यापारी आये हुए हैं. उन्हें पता होगा की पहाड़ पर अशांति की वजह से उनका व्यापार ठप हो गया था. एक ओर नोटबंदी और दूसरी ओर पहाड़ पर अनिश्चितकाल के लिए बंद ने सिलीगुड़ी के कारोबारियों की एक तरह से कमर तोड़ दी थी.
अब पहाड़ अपनी पुरानी लय में लौट आया है. स्वभाविक रूप से इसका लाभ सिलीगुड़ी के कारोबारियों को भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि सिक्किम के साथ भी रिश्ते सुधारने में राज्य सरकार जुटी हुई है. सिक्किम के साथ एक बार फिर से पुराने रिश्ते बहाल हो गये हैं.
सिलीगुड़ी पूर्वोत्तर भारत का गेटवे है. यहां का कारोबार मुख्य रूप से दार्जिलिंग के अलावा सिक्किम, भूटान एवं असम पर निर्भर है. जब इन इलाकों में अशांति रहेगी तो सीधे तौर पर इसका असर सिलीगुड़ी के कारोबार पर भी पड़ता है. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में भले ही उनकी सरकार ने स्थिति सामान्य कर दी है, लेकिन असम में अब भी अशांति बनी हुई है. वहां एनआरसी के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है. इस्लामपुर में बाहरी बदमाशों को लाकर पुलिस पर हमला किया गया. इसमें सीधे तौर पर भाजपा के नेता लिप्त हैं.
एनआरसी के नाम पर डराया जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी के नाम पर असम से सिर्फ विदेशी घुसपैठियों को नहीं निकाला जा रहा, बल्कि दो लाख बिहारियों को भी निकाला जायेगा. उनकी नागरिकता खत्म कर दी गयी है. आनेवाले दिनों में देश के दूसरे राज्यों में भी भाजपा सरकार इसी तरह से एनआरसी लागू करेगी और दूसरे राज्यों से काम-धंधा करने आये लोगों को उस राज्य से भागना पड़ेगा.
लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसी स्थिति नहीं है. यहां के इतिहास में कभी भी हिंदीभाषियों या दूसरे प्रदेश से आये अन्य लोगों पर हमले की घटनाएं नहीं घटी हैं. हिंदीभाषियों को कभी नहीं कहा गया है कि वे बंगाल छोड़कर चले जायें. जो भी यहां आये, यहीं के होकर रह गये. लेकिन भाजपा सरकार गड़बड़ी करके हिंदीभाषियों को निकालने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि एनआरसी में नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 50-50 साल पुराने दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. कितने लोगों के पास इतने पुराने दस्तावेज हैं? दादाजी, मां-पिता की जन्मतिथि के प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा असम से बंगालियों को भी भगा रही है. यह सब नहीं चलेगा. अगर सभी राज्य में यह होने लगा तो देश नहीं बचेगा.
इतनी खतरनाक सरकार नहीं देखी : भाजपा सत्ता के लिए देश को बर्बाद करने में तुली हुई है. ममता बनर्जी ने कहा कि वह भी केंद्र में कई बार मंत्री रह चुकी हैं. लेकिन कभी भी देश में इतनी खतरनाक सरकार नहीं देखी. गाय के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है. उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर के नाम पर निर्दोष लोगों को मार गिराया जा रहा है.
भाजपाशासित तमाम प्रदेशों में हिंसक घटनाएं हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भाजपा पश्चिम बंगाल में गड़बड़ी करने की कोशिश करेगी तो वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगी. उन्हें भले ही जेल में भेज दिया जाये, लेकिन वह पश्चिम बंगाल और देश को बर्बाद नहीं होने देंगी.

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