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शिशु सुरक्षा आयोग की रिपोर्ट से हुआ खुलासा, गुरु-शिष्य के बीच बढ़ रही खटास
कोलकाता : किसी भी छात्र के जीवन को संवारने में शिक्षक की भूमिका अहम होती है. इनके बीच का संबंध ही छात्र के जीवन को निखारता है. लेकिन आज के इस आधुनिकता के दौर में शिक्षक व छात्र के संबंध में भी खटास देखने को मिल रही है. एक तरह से कहा जाये तो शिक्षक […]
कोलकाता : किसी भी छात्र के जीवन को संवारने में शिक्षक की भूमिका अहम होती है. इनके बीच का संबंध ही छात्र के जीवन को निखारता है. लेकिन आज के इस आधुनिकता के दौर में शिक्षक व छात्र के संबंध में भी खटास देखने को मिल रही है. एक तरह से कहा जाये तो शिक्षक व छात्र के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. ऐसी ही बात शिशु सुरक्षा आयोग व एक निजी स्वयंसेवी संस्था की ओर से किये गये सर्वे से सामने आयी है.
सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक दशक में गुरु व शिष्य के रिश्तों में दूरियां देखी जा रही हैं. साफ शब्दों में कहा जाये, तो शिक्षक भी मन से अपना काम नहीं कर रहे, तो वहीं छात्र का भी शिक्षकों के प्रति लगाव कम होता जा रहा है. यही नहीं, इस आधुनिक युग में शिक्षक व छात्र के साथ-साथ सहपाठियों में भी दूरी बढ़ती जा रही है. सहपाठी भी एक-दूसरे से भावनात्मक तरीके से दूर होते जा रहे हैं.
शिशु सुरक्षा आयोग व स्वयंसेवी संस्था की संयुक्त समीक्षा के अनुसार, शिक्षक-छात्र के रिश्ते में 39 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी है.
किन्हें लेकर किया गया सर्वेशिशु सुरक्षा आयोग व स्वयंसेवी संस्था ने 131 स्कूलों के 3394 शिक्षक, एक लाख 43 हजार 289 छात्र व 465 गैर-शिक्षक कर्मियों को लेकर यह सर्वे किया था.
समीक्षा रिपोर्ट आने के बाद ही शिशु सुरक्षा आयोग ने राज्य सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की. साथ ही आयोग ने राज्य सरकार को इस संबंध में कई सुझाव भी दिये हैं, जिसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण व्यवस्था को और उन्नत करने का प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही पत्र-पत्रिकाएं, मनोरंजन व सांस्कृतिक विषयों पर भी वाद-विवाद का आयोजन करने की सिफारिश की गयी है.
इस संबंध में राज्य के शिशु व महिला विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार शिक्षक व छात्रों के बीच संबंधों को और बेहतर करने के लिए कार्य शुरू कर दिये हैं. इस संबंध में राज्य के शिक्षा विभाग के साथ मिल कर योजनाओं को क्रियान्वित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा से ही शिक्षकों का सम्मान करती आयी हैं और राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है.
यादें बन गयी हैं शिक्षक व छात्र के बीच का मधुर संबंध
रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षक व छात्र का एक-दूसरे पर से विश्वास कम होता जा रहा है. ऐसे में दोनों में दूरियां बढ़ रही हैं. तो वहीं, कैरियर बनाने की होड़ में सहपाठी एक-दूसरे से दूर होते जा रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षक व छात्र के बीच का मधुर संबंध अब सिर्फ यादें बन कर रह गई हैं. शिक्षक व छात्र के संबंध में 39 प्रतिशत तो वहीं, सहपाठियों के आपसी संबंध में 20 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी है.
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