पटना : 15वें वित्त आयोग की मीटिंग से पहले में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में मतभेद की बात सामने निकलकर आयी है. बैठक से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) आमने-सामने है. जेडीयू नेता जहां बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाने की बात कह रहे हैं वहीं, बीजेपी का कहना है कि इसमें ऐसी कोई बात नहीं होगी. बिहार में इन दिनों एनडीए की सरकार है, जिसमें बीजेपी और जेडीयू परस्पर सहयोगी है.
जेडीयू कोटे से मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का कहना है कि 15वें वित्त आयोग की बैठक में निश्चित तौर पर विशेष राज्य का दर्जा देने पर बात होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार को उम्मीद है कि विशेष दर्जा का दर्जा मिलेगा. वहीं, बीजेपी कोटे के मंत्री प्रेम कुमार ने भी बिहार को विशेष दर्जे की मांग पर चुप्पी साध ली और बिहार के लिए विशेष पैकेज की वकालत की. बीजेपी कोटे के एक और मंत्री प्रमोद कुमार का कहना है कि हमारे सहयोगी क्या कहते हैं यह आप उनसे पूछिए. केंद्र सरकार बिहार को मदद कर रही है.
वहीं, इस मामले में कांग्रेस गठबंधन को लेक चुटकी ली है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार के विकास के लिए गठबंधन तोड़ा था. लेकिन आपस की लड़ाई देख कर तो यही लगता है कि जनता के साथ फिर से धोखा ही किया जायेगा.
गौरतलब है कि वित्त आयोग की टीम चार दिनों के बिहार दौरे पर पटना आयी है. इससे पहले भी विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने वित्त आयोग से कहा था कि बिहार की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बिहार की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात कही. उन्होंने नेपाल से आने वाली बाढ़ से होने वाली बर्बादी की चर्चा करते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डाॅ़ एनके सिंह ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो मांग उठाई है वो पूरे बिहार की मांग है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पहले से करते आ रहे हैं.