लंदन : खायी जाने वाली नयी गर्भ निरोधक गोलियों से जवान महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है. इन गर्भ निरोधक गोलियों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजन दोनों मौजूद होते हैं. मेडिकल जर्नल द बीएमजे में यह शोध प्रकाशित हुआ है.
दुनिया भर में कम से कम 10 करोड़ महिलाएं हर दिन हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल कर रही हैं. पहले के शोध से भी यह बात सामने आयीथी कि जो महिलाएं जो गर्भ निरोधक गोलियां खाती हैं, उनसे गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा कम होता है, लेकिन इसके ज्यादातर सबूत पुरानी दवाओं के इस्तेमाल से संबंधित थे, जिनमें एस्ट्रोजन और पुराने प्रोजेस्टोजन की बड़ी मात्रा होती है.
स्कॉटलैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ अबेरदीन और डेनमार्क में यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन के शोधकर्ताओं ने प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं में अलग तरह के गर्भाशय कैंसर पर नयी हार्मोनल गर्भ निरोधक गोलियों का अध्ययन किया.
उन्होंने वर्ष 1995 और 2014 के बीच डेनमार्क की 15 से 49 साल की करीब 19 लाख महिलाओं के आंकड़ों का अध्ययन किया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भाशय के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा उन महिलाओं में पायेगये, जिन्होंने कभी हार्मोनल गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल नहीं किया था.