नेशनल कंटेंट सेल
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी कंपनियों के आधार के इस्तेमाल पर लगाये गये प्रतिबंध ने टेलीकॉम, बैंकिंग और ई-वॉलेट जैसी कंपनियों की परेशानी बढ़ गयी है. ये कंपनियां ग्राहकों का आधार से सत्यापन करने का पूरा सेटअप लगा चुकी हैं. अब कंपनियां इससे चिंतित हैं कि पहले उन्होंने यह व्यवस्था बनाने में खर्च किया अब उन्हें वापस पुराना तरीका अपनाना होगा, जो लगभग 10 गुना ज्यादा खर्चीला होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों से नये कनेक्शन लेने के मामले में ई-केवाइसी बंद कर दिया है. इसका मतलब है कि मोबाइल सेवा प्रदाता और अन्य निजी इकाइयां ग्राहक रजिस्ट्रेशन के लिए आधार की मांग नहीं कर सकती हैं. आदेश के बाद भारतीय सेल्यूलर ऑपरेटर एसोसिएशन (सीओएआई) का कहना है कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन टेलीकॉम कंपनियां पहले से 7.8 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हैं. वित्तीय संकट झेल रही हैं.
अब 10 की जगह लागत आयेगी 100 रुपये की
आधार से ग्राहक का सत्यापन करने में कंपनियों को 10-20 रुपये की लागत आती थी, जबकि दस्तावेज के जरिये सत्यापन करने में लागत 10 गुना बढ़ कर लभगभ 100 गुना हो जायेगी. एक्टीवेशन की अवधि भी बढ़ जाती है, जो आधार के सत्यापन के चलते हाथों-हाथ शुरू हो जाता था. लेकिन अब आधार के प्रयोग पर रोक लगने से मोबाइल नंबर व बैंक खाता शुरू होने में वक्त लगेगा.
डिजिटल वेरिफिकेशन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था
दूरंसचार विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग जल्द ई-केवाईसी के डिजिटल सत्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था लायेगी. देखना होगा कि क्या ऑपरेटरों को पुराने तरीके पर लौटने की जरूरत है या ई-केवाईसी का अन्य तरीका हो सकता है.
भुगतान था आसान
ई-वॉलेट कंपनी के प्रमुख ने बताया कि आधार से पेमेंट सुविधाजनक थी. बैंकिंग कंपनियों को भारी झटका लगा है. सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि पोस्टल बैंक भी है, जो पूरी आधार पर टिकी है.
कानून में हो सकता है संशोधन : रविशंकर प्रसाद
सूचना-प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि निजी कंपनियां फिर से आधार का इस्तेमाल विभिन्न स्तरों पर कर सकें, इसके लिए केंद्र सरकार कानून में बदलाव कर सकती है. सरकार इसके लिए कानून ला सकती है. प्रक्रिया लंबी है, इसलिए अभी वक्त लगेगा. मसलन सिम कार्ड की प्रक्रिया में आधार के इस्तेमाल के लिए टेलीग्राफ अधिनियम में संशोधन करना होगा.
टेली कंपनियों के सामने चुनौती: दूरसंचार विभाग
टेलीकॉम कंपनियों के लिए अपने ग्राहक को जानिये (ई-केवाइसी) बंद करने के बाद कंपनियों के समक्ष नये ग्राहकों के रजिस्ट्रेशन में चुनौती खड़ी हो सकती है. टेलीकॉम सेक्रेटरी अरुण सुंदरराजन ने कहा कि हम भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई), विधि मंत्रालय के अधिकारियों और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों से मिलेंगे जिससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित हो सके.
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