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फिर बिना रोक-टोक के हुई कानून की परीक्षा
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में बुधवार को तीन वर्षीय लॉ के सेमेस्टर तीन व पांच वर्षीय लॉ के सेमेस्टर चार की परीक्षा थी. दोनों परीक्षा मिला कर करीब साढ़े तीन सौ छात्र-छात्राएं बहुद्देशीय प्रशाल स्थित केंद्र में परीक्षा देने बैठे थे. तस्वीरें यह बता रही हैं कि परीक्षा केंद्र पर अंकुश नाम की कोई […]
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में बुधवार को तीन वर्षीय लॉ के सेमेस्टर तीन व पांच वर्षीय लॉ के सेमेस्टर चार की परीक्षा थी. दोनों परीक्षा मिला कर करीब साढ़े तीन सौ छात्र-छात्राएं बहुद्देशीय प्रशाल स्थित केंद्र में परीक्षा देने बैठे थे. तस्वीरें यह बता रही हैं कि परीक्षा केंद्र पर अंकुश नाम की कोई चीज नहीं थी. छात्र अपनी सीट से उठ कर दूसरे छात्र की सीट पर जा रहे थे. उनसे बातचीत करने के बाद अपनी सीट परलौटते और लिखना शुरू कर देते थे.
आगे बैठे परीक्षार्थी पीछे बैठे परीक्षार्थी की लिखी हुई कॉपी को खुलेआम देख रहे थे. दूसरी ओर पुरुष शौचालय चिट-पुर्जों से पटा हुआ था. कुछ इस तरह कानून की परीक्षा ‘शांतिपूर्ण’ ढंग से संपन्न हो गयी. हालांकि कई छात्र ऐसे भी थे, जो नियम-कायदे को ध्यान में रखते हुए परीक्षा दे रहे थे.
17 फरवरी की घटना दोहराती दिखी : इसी साल बीते 17 फरवरी की घटना एक बार फिर दोहराती हुई दिखी. 17 फरवरी को लॉ की परीक्षा में प्रश्नपत्र मिलते ही सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे जाने की बात कहते हुए छात्र हंगामा करने लगे थे. समझाने पर मान तो गये, पर इसी तरह खुलेआम ताक-झांक और बातचीत करते हुए परीक्षा हुई थी.
राज्य सरकार का यह है निर्देश : 5.9.2017 को राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने निर्देश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि भविष्य में अगर किसी भी विवि द्वारा आयोजित परीक्षा में नकल के मामले प्रकाश में आते हैं, तो कदाचार में संलिप्त पदाधिकारियों पर अविलंब प्राथमिकी दर्ज की जाये.
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