20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मौत के साये में भविष्य गढ़ रहे नौनिहाल

जमशेदपुर : जमशेदपुर के हृदय स्थल और बेहद पॉश इलाका माना जाने वाला बिष्टुपुर. यहां आजादी के पूर्व स्थापित आंध्रा भक्त श्री राम मंदिर मिडिल स्कूल देख रोना आ जाये. सांसद विद्युत वरण महतो व मंत्री सरयू राय के आवास से चंद कदम दूर स्थित स्कूल की हालत यह है कि बारिश के मौसम में […]

जमशेदपुर : जमशेदपुर के हृदय स्थल और बेहद पॉश इलाका माना जाने वाला बिष्टुपुर. यहां आजादी के पूर्व स्थापित आंध्रा भक्त श्री राम मंदिर मिडिल स्कूल देख रोना आ जाये. सांसद विद्युत वरण महतो व मंत्री सरयू राय के आवास से चंद कदम दूर स्थित स्कूल की हालत यह है कि बारिश के मौसम में पूरी बिल्डिंग को प्लास्टिक से ढंककर 308 बच्चोें को शिक्षा दी जा रही है. एक ईंट भी खिसकी तो पूरी बिल्डिंग जमींदोज हो सकती है.
ऐसा नहीं है कि आजादी के बाद से इस स्कूल पर किसी की नजर नहीं गयी हो. तीन साल पहले ही स्कूल की स्थिति को देख विधायक फंड से बिल्डिंग बनाने के लिए भूमि पूजन व एक साल पहले शिलान्यास हुआ था. लेकिन अब तक बिल्डिंग नहीं बन सकी है, न ही कोई काम शुरू हो रहा है. राम मंदिर कमेटी की ओर से संचालित एवं सरकार से मान्यता प्राप्त इस विद्यालय का भवन नहीं बनने के पीछे कई तर्क दिये जा रहे हैं,
पर सच यही है कि विद्यालय के बच्चे मौैत से पल-पल जुझते हुए खुद का भविष्य गढ़ रहे हैं.
विद्यालय के बच्चों व शिक्षिकाओं का कहना है कि उन्हें इससे कुछ लेना देना नहीं है कि कमेटी में क्या चल रहा है, प्रशासन क्या कर रहा है. उन्हें तो अपने शिक्षा के मंदिर की मजबूत दीवार का इंतजार है.
अंग्रेजों के जमाने में ही रख दी थी शिक्षा की नींव
15 अगस्त 1947 में देश आजाद हुआ और 1947 में ही पहली अप्रैल को राम मंदिर कमेटी के संस्थापक डॉ एन सत्यनारायना, डीएसएन राजू, श्यामजी व एस पापा राव ने इस स्कूल की नींव रख दी थी. स्कूल के पहले प्राचार्य थे चिदंबरम. तब विद्यालय की स्थापना के वक्त के लोगों ने सोचा भी नहीं था कि वक्त का दीमक स्कूल को चाट खायेगा.
हालात यह है कि विद्यालय भवन, जो अंग्रेजों के जमाने के खपरैल व लकड़ी से बने हैं, उसमें दीमक लग गये हैं. कब यह धराशायी हो जाये किसी को नहीं पता.एक अप्रैल 1978 कोे टाटा स्टील ने राम मंदिर कमेटी को जमीन दी थी, ताकि अल्पसंख्यक स्कूल बने. स्कूल बना भी, पर वक्त का दीमक स्कूल की बरबादी की कहानी लिख रहा है.
विद्यालय की जमीन पर अतिक्रमण के कारण निर्माण नहीं हो रहा है. कई बार प्रशासन को लिखा पर कुछ नहीं हुआ. जैसे ही अतिक्रमण हटेगा, निर्माण शुरू कर देंगे, चाहे जहां से भी पैसा लाना पड़े, हम इसके लिए तैयार हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें