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रूस, चीन और भारत

नयी दिल्ली लंबे समय से मॉस्को के साथ करीबी रिश्ते का आग्रही रहा है, मगर रूस और चीन के संबंध जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कि मॉस्को पर नयी दिल्ली उतनी प्रभावी साबित नहीं हो रही है. भारत के एतराज के बावजूद पाकिस्तान के साथ रूस के रिश्ते परवान चढ़ रहे […]

नयी दिल्ली लंबे समय से मॉस्को के साथ करीबी रिश्ते का आग्रही रहा है, मगर रूस और चीन के संबंध जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कि मॉस्को पर नयी दिल्ली उतनी प्रभावी साबित नहीं हो रही है.
भारत के एतराज के बावजूद पाकिस्तान के साथ रूस के रिश्ते परवान चढ़ रहे हैं और मॉस्को अफगानिस्तान के मसले पर अपने सुर बदल रहा है. वह अब तालिबान के साथ बातचीत का मजबूत पक्षधर बन गया है. इतना ही नहीं, रूस ने भारत को सलाह दी है कि वह चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ को चुनौती न दे.
जिस तरह से विभिन्न मोर्चों पर चीन ने भारत के लिए चुनौतियां खड़ी की हैं, उन्हें देखते हुए अगले महीने जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे, तब चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियों का मसला उनके साथ बातचीत के एजेडें में सबसे ऊपर होना चाहिए. यह अवसर होगा, जब नयी दिल्ली रूस के साथ अपने रिश्ते को मजबूती दे सकता है.
डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर

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