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ब्रेन डेथ घोषित होने पर भी एक व्यक्ति आठ लोगों को दे सकता है नया जीवन

कोलकाता : सोमवार 24 घंटे में दो मरीजों का हृदय प्रत्यारोपण कर महानगर के चिकित्सकों ने नया कीर्तिमान बनाया है. महानगर के दो बड़े निजी हॉस्पिटल फोर्टिस तथा रवींद्रनाथ टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियेक साइंस में प्रत्यारोपण किया गया है.सर्जरी के बाद दोनो में अस्पतालों में उन मरीजों की हालत में सुधार बताया जा रहा है. […]

कोलकाता : सोमवार 24 घंटे में दो मरीजों का हृदय प्रत्यारोपण कर महानगर के चिकित्सकों ने नया कीर्तिमान बनाया है. महानगर के दो बड़े निजी हॉस्पिटल फोर्टिस तथा रवींद्रनाथ टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियेक साइंस में प्रत्यारोपण किया गया है.सर्जरी के बाद दोनो में अस्पतालों में उन मरीजों की हालत में सुधार बताया जा रहा है.
lफोर्टिस अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि समीरन दत्ता (51) हालत सुधर रही है. समीरन ने अस्पताल के चिकित्सकों तथा अपने दो बेटों से बात की है. सर्जरी के बाद उसके सभी महत्वपूर्ण अंग बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं. उधर, आरएन टैगोर के चिकित्सक पहली बार मंगलवार मीडिया के सामने आये.
ट्रांसप्लांट टीम के प्रमुख चिकित्सक डॉ मृनलेन्दु दास ने बताया कि देर रात करीब 11.47 तक ऑपरेशन चली. सर्जरी के बाद से राखी मंडल की सेहत में सुधार हो रही है. उसे अगले 12 घंटे चिकित्सकों की विशेष निगरानी में रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 10 से 15 दिनों के भीतर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जायेगी.
विशेष पैकेज पर हुआ ट्रांसप्लांट :
डॉ़ दास ने कहा कि आम तौर पर यहां हृदय ट्रांसप्लांट पर करीब 15 लाख रुपये खर्च आता है. लेकिन इस मामले में राखी को एक विशेष पैकेज पर सर्जरी की गई है. अस्पताल के गेस्ट स्पोर्ट सेल से मरीज को आर्थिक सहायता की गयी है. उन्होंने कहा कि हमें एक वर्ष पहले ही हार्ट ट्रासप्लांट के लिए लाइसेंस मिल गयी थी. लेकिन हम पूरी तैयारी के साथ उतरे और पहला हार्ट ट्रांसप्लांट करने में सफल रहेें.
उन्होंने बताया कि 12 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने इस सफल सर्जरी को अंजाम दिया. मेडिकल टीम के अन्य सदस्य डॉ ललित कपूर ने बताया कि सभी मरीजों का हार्ट ट्रांसप्लांट संभव नहीं है. हर्ट पंपिंग रेट को देख कर ही प्रत्यारोपण किया जाता है. इस तरह के सर्जरी के लिए हम कार्डियोलॉजी डॉक्टरों के साथ ही हर महीने बैठक कर रहे हैं, ताकि ऐसे मरीजों को पहचान कर प्रत्यारोपण के लिए चिन्हित किया जा सके. उन्होंने कहा कि सोमवार दोनों ही मामले में हार्ट को दूसरे राज्यों से लाया गया था. ऐसे में पश्चिम बंगाल में हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए जागरूकता बढ़ाये जाने की जरूरत है.
डोनर किया जायेगा शहीद घोषित :
डॉ कपूर ने कहा कि ब्रेन डेथ घोषित किये जाने के बाद एक व्यक्ति करीब आठ लोगों को नया जीवन दे सकता है. इसलिए मृत्यु के बाद अंग दान करने वाले को शहीद घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर यह मांग की है.
गौरतलब है कि अांध्र प्रदेश के काकीनाडा में ब्रेन डेथ के शिकार हुए 24 वर्षीय एक युवक के हृदय को लाया गया, जबकि दूसरा हार्ट पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से ब्रेन डेथ के शिकार हुए युवक का लाया गया.

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