नेट फ्लिक्स, अमेजन प्राइम, हॉट स्टार प्रीमियम जैसी सेवाओं से बच्चे देख रहे अडल्ट सीन
पटना : जितनी तेजी से इंटरनेट की दुनिया का विस्तार हुआ है.उतनी ही तेजी से इंटरटेनमेंट से जुड़ी स्ट्रीमिंग सेवाओं का भी विस्तार हो रहा है. टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले फिल्में और टीवी सीरियलों से यू ट्यूब और हॉट स्टार एप तक का सफर को पूरा करने के बाद अब वेबसाइट पर नेट फ्लिक्स, अमेजन प्राइम और अल्ट बालाजी जैसे कई इंटरटेनमेंट स्ट्रीमिंग सेवाएं भी अपना पैर पसार चुकी हैं.
इंटरनेट की यह सतरंगी दुनिया, जहां लोगों को बिना विज्ञापन के मुवी और टीवी शो के कई सीरिज उपलब्ध करा रही है. वहीं, इसका एक स्याह पहलू भी है, जो छोटी उम्र के बच्चों के सामने सेक्स संबंधी रहस्य उजागर कर रही है, जो हमारे सामाजिक परिवेश में अब तक ढके छिपे रहे हैं और जिन्हें एक उम्र से पहले जानना समाज और बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता है.
जिज्ञासा होना सामान्य पर उम्र से पहले जानकारी घातक
समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिक के मुताबिक एक विषय के रूप में यौन के प्रति जिज्ञासा का होना कोई नयी या असामान्य बात नहीं है, लेकिन इस विषय की हर जानकारी उम्र के लिहाज से ही दी जानी चाहिए. ऐसे में इंटरनेट की फॉस्ट सेवाएं बच्चों को कम उम्र में ही बिगाड़ रही हैं. मोबाइल और टीवी पर आसानी से मौजूद इन सेवाओं के जरिये बच्चे कई ऐसी जानकारियां हासिल कर रहे हैं, जो उनसे छुपा कर रखे जाते हैं. खासकर वेबसाइट पर उपलब्ध नये-नये स्ट्रीमिंग सेवाएं उन्हें उम्र से पहले ही सेक्स संबंधी कई ऐसी जानकारी देने का सबसे आसान और सरल साधन बन चुका है.उन्हें इससे दूर रखना मुश्किल होता जा रहा है. माता-पिता भी बच्चों पर हर वक्त नजर नहीं रख पा रहे हैं कि बच्चा मोबाइल और टीवी पर क्या देख रहा है.
बच्चों की पहुंच से दूर रखें इन सेवाओं को
नेटफ्लिक्स, हॉट स्टार प्रीमियम , अमेजन प्राइम और अल्ट बालाजी जैसे कई स्ट्रीमिंग सेवाएं उपलब्ध है. इन सेवाओं के जरिये कई एक्सक्लूसिव मुवी, टीवी शो कॉमेडी बिना विज्ञापन के देखे जा सकते हैं. इनमें दिखाये जाने वाले फिल्में सीमित जरूर हैं, लेकिन उसका बच्चों पर प्रभाव सीमित नहीं है. भले ही इन सेवाओं के जरिये दिखाये जाने वाले मुवीज और शो युजर के च्वाइस के मुताबिक होते हैं. बावजूद इसके कई फिल्मों में वल्गर और बोल्ड सीन होते हैं, जिसे पैरेंटस न चाहते हुए भी अपने बच्चों से छुपा नहीं पाते हैं. ऐसे में बच्चों को इन सेवाओं से दूर रखने की जरूरत है. ताकि छोटी उम्र में बच्चों को इन सब से बचाया जा सकें.
सोशल मीडिया के कंटेंट पर किसी का रोक नहीं है. पर माता-पिता अपने बच्चों को इससे बचा सकते हैं. मोबाइल और टीवी पर इस तरह की सेवाएं लेने से पहले उन्हें इसकी सर्तकता बरतनी होगी. बच्चों के साथ उसी तरह की फिल्में देखे जो उनके साथ देखी जा सकती है या फिर उनके लायक हो. साथ ही बच्चे मोबाइल में इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं. इसकी भी जानकारी रखें. कई ऐसे एप उपलब्ध है, जिससे बच्चों पर आसानी से नजर रखा जा सकता है.
डॉ रेणु रंजन, समाजशास्त्री
आदमी का दिमाग हर दबी-छिपी चीज के बारे जानना चाहता है. बच्चों में जिज्ञासा अधिक होती है. बच्चों से हम जितना छुपाने की कोशिश करते हैं. वह उनके बारे में उतना ही अधिक जानना चाहते हैं. ऐसे में माता-पिता को कोशिश करना चाहिए कि बच्चों के हाथ वे सारी चिजे न लगने देंं. जो उन्हें छोटी उम्र में सेक्स संबंधी जानकारी बढ़ाये. साथ ही उन्हें टीनएज से उन्हें हार्मोन बदलाव संबंधी जानकारी दें. ताकि उनके मन में ये बातें घर कर जाये की वह अभी छोटे हैं,उन्हें इससे दूर रहना है. इससे बच्चों की उन चीजों के प्रति जिज्ञासा भी कम होगी और वह चिजों को समझ सकेंगे.
अमृता श्रुति , मनोवैज्ञानिक