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कोयला उत्पादन-डिस्पैच में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायें : सीएम
धनबाद : बिना बिजली के देश हो या प्रदेश किसी का विकास संभव नहीं हो सकता और वर्तमान में देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी अति आवश्यक है. पावर प्लांटों को पर्याप्त मात्रा में कोयला आपूर्ति को लेकर पूरे देश की नजर झारखंड पर टिकी है. ऐसे में […]
धनबाद : बिना बिजली के देश हो या प्रदेश किसी का विकास संभव नहीं हो सकता और वर्तमान में देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी अति आवश्यक है. पावर प्लांटों को पर्याप्त मात्रा में कोयला आपूर्ति को लेकर पूरे देश की नजर झारखंड पर टिकी है. ऐसे में प्रशासन कोयला उत्पादन और डिस्पैच में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाये और बाधा पहुंचाने वालों से सख्ती से निपटे.
सरकार लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी. ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वह सोमवार को प्रोजेक्ट भवन रांची में राज्य भर में चल रहे आधारभूत संरचना प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक कर रहे थे. उन्होंने कोल कंपनियों को मिलनेवाली वन पर्यावरण स्वीकृति, विधि-व्यवस्था की समस्या और जमीन संबंधी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के कई जिलों में कोयला कंपनियों को विधि-व्यवस्था की परेशानी होती रहती है.
हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आयी है. इसके बावजूद जो भी समस्या है, उसे अविलंब दूर किया जाये. उन्होंने बैठक में उपस्थित जिला स्तर के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये. कहा कि जिलों में भूमि के सत्यापन का मामला भी लंबित है. इससे रैयतों को समय पर नौकरी नहीं मिल पाती है. खनन का काम भी प्रभावित होता है. इसे दूर करने के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त पहल करें. बैठक में धनबाद के डीसी ए दोड्डे, एसएसपी मनोज रतन चोथे और बीसीसीएल के सीएमडी अजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे.
बीसीसीएल की आठ खदानों को पर्यावरण क्लीयरेंस : मुख्यमंत्री ने बीसीसीएल, सीसीएल, इसीएल व सीएमपीडीआइ की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कोयला कंपनियों को यथा शीघ्र पर्यावरण क्लीयरेंस देने की बात कही. इस दौरान बीसीसीएल की अाठ खदानों को दो दिनों में पर्यावरण क्लीयरेंस देने के निर्देश दिये. कहा कि राज्य सरकार भी चाहती है कि यहां अधिक से अधिक पर्यावरण का ख्याल कर कोयला निकला जाये.
ट्रांसपोर्टिंग में बाधा होने पर सीधे संपर्क करें : डीजीपी
डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि कोयला उत्पादन, खास कर ट्रांसपोर्टिंग में अगर कोई बाधा पहुंचाता है, तो अधिकारी सीधे संपर्क करें. ट्रांसपोर्टिंग कार्य में बाधा पहुंचाने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए उन्होंने संबंधित जिले के वरीय पुलिस अधीक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिये.
जिला प्रशासन-पुलिस का मिल रहा सहयोग : सीएमडी
बीसीसीएल के सीएमडी अजय कुमार सिंह ने कहा कि कंपनी में भूमि से जुड़ी समस्याएं सबसे अधिक हैं. फॉरेस्ट क्लीयरेंस और विधि व्यवस्था की भी समस्या है. इससे कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है. हालांकि जमीन और लॉ एंड ऑर्डर समस्याओं के समाधान में जिला प्रशासन-पुलिस का पूरा सहयोग मिल रहा है. आगे भी इसी तरह सहयोग मिलता रहे तो कंपनी जरूर अपने लक्ष्य का प्राप्त करेगी.
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