मुंबई : बैंक और वाहन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को करीब 537 अंक का गोता खा गया. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 11,000 अंक के नीचे उतर गया. यह लगातार पांचवां कारोबारी दिन है, जब बाजार में गिरावट दर्ज की गयी. विविध कारोबार से जुड़े आईएल एंड एफएस समूह के कर्ज भुगतान में असफल होने की रिपोर्ट से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. साथ ही, शुल्क लगाने के बाद चीन के अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता से हटने की रिपोर्ट से भी बाजार पर असर पड़ा.
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बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार को 536.58 अंक या 1.46 फीसदी की गिरावट के साथ 36,305.02 अंक पर पहुंच गया. एक समय यह 36,216.95 अक के निम्न स्तर तक चला गया था. सोमवार की गिरावट छह फरवरी के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट है. उस दिन इसमें 561.22 अंक की गिरावट आयी थी. सेंसेक्स का 11 जुलाई के बाद यह न्यूनतम स्तर है. उस दिन यह 36,265.93 अंक पर बंद हुआ. सूचकांक पिछले चार दिनों में 1,249.04 अंक टूट चुका है.
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.20 अंक या 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,000 अंक के नीचे 10,974.90 अंक पर बंद हुआ. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस सप्ताह ब्याज में 0.25 फीसदी वृद्धि की आशंका के बीच विदेशी कोषों ने पूंजी की निकासी की. सेंसेक्स के 30 शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा में सर्वाधिक 6.46 फीसदी की गिरावट आयी. वहीं, मारुति और बजाज ऑटो में क्रमश: 3 फीसदी और 1.7 फीसदी की गिरावट आयी.
दूसरी तरफ एचडीएफसी की अगुवाई में वित्तीय शेयर नुकसान में रहे. एचडीएफसी में 6.22 फीसदी, इंडस इंड बैंक 4.94 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक 2.8 फीसदी, कोटक बैंक 2.6 फीसदी, एचडीएफसी बैंक 2.16 फीसदी तथा एसबीआई 2.04 फीसदी नीचे आया. यस बैंक में सोमवार को 0.35 फीसदी की और गिरावट आयी.
आरबीआई द्वारा बैंक के सीईओ राणा कपूर का कार्यकाल घटाये जाने के बाद से यस बैंक का शेयर कुल मिलाकर यह 29 फीसदी से अधिक टूट चुका है. हालांकि, आईटी कंपनियों में टीसीएस और इन्फोसिस में क्रमश: 4.5 फीसदी और 1.5 फीसदी की तेजी आयी. कोल इंडिया 2.1 फीसदी तथा रिलायंस 1.27 फीसदी मजबूत हुआ.
रिजर्व बैंक और बाजार नियामक सेबी ने रविवार को कहा कि वे वित्तीय क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और जरूरत पड़ने पर उपयुक्त कदम उठायेंगे. इस बीच, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और म्यूचुअल फंड के लिए पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठायेगी.
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