कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने रविवार को तृणमूल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरएसस की धमकी से पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता है. तृणमूल कांग्रेस इस्लामपुर में छात्रों की मौत की घटना को लेकर आरएसएस-भाजपा और माकपा को बेनकाब करने में उतर गयी हैै.
इसके लिए बकायदा रणनीति भी बनायी गयी है. पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर 26 सितंबर को होने वाले बंगाल बंद को प्रशासन और आम जनता के सहयोग से विफल किया जायेगा. इसके लिये सभी नेता, मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता तत्पर रहेंगे. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि हर हाल में बंद को विफल करना है.
उल्लेखनीय है कि दड़ीभीट हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आंदोलन चल रहा था. इस आंदोलन के दौरान दो छात्रों की गोली लगने से मौत हो गयी थी. विरोधी दलों ने राज्य की बदहाल व्यवस्था को सामने लाते हुए आरोप लगा रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में शिक्षक की जगह छात्रों को गोली मिलती है. इस प्रचार के खिलाफ अब तृणमूल कांग्रेस मैदान में उतर गयी है. शिक्षक नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार की विफलता के लिए माकपा राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को जिम्मेवार ठहरा रही है.
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि इलाके में हंगामा को भड़काने के लिए माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती व अशोक भट्टाचार्य वहां गये हैं. हकीकत यह है कि यही माकपा शिक्षकों की नियुक्ति रोकने के लिए अदालत का सहारा ली थी. इस बात को लेकर तृणमूल कांग्रेस माकपा को घेर रही है तो घटना को सांप्रदायिक रंग देने के लिए भाजपा की नापाक कोशिश को उजागर कर रही है. संवाददाता सम्मेलन में पार्थ चटर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भेदभाव की राजनीति के खिलाफ है. वह हर कीमत पर इसका विरोध करेगी. वहीं, राज्य को अशांत करने के लिए आरएसएस व भाजपा को माकपा मदद कर रही है.