नयी दिल्ली : पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के संवेदनशील इलाकों में करीब 4,388 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. गौरतलब है कि कुछ महिलाओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस में और उसके आसपास उन पर ‘‘मूत्र और वीर्य से भरे’ गुब्बारे कथित तौर पर फेंके जाने की शिकायत की थी. इसके बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ वकीलों ने इस साल मार्च में एक जनहित याचिका दायर की.
इस जनहित याचिका के जवाब में एक हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यह दलील दी. याचिकाकर्ता वकीलों ने होली और नववर्ष जैसे अवसरों के दौरान महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश तय करने की मांग की थी.
दिल्ली पुलिस ने मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ के समक्ष हलफनामा दाखिल किया. पीठ ने एक न्यायमूर्ति के अनुपस्थित होने के चलते शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई नहीं की.
पुलिस ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि कैम्पस में एक महिला पर ‘‘मूत्र से भरा गुब्बारा’ फेंके जाने की कथित घटना में ‘‘शिकायतकर्ता ने सहयोग नहीं किया’ और इसलिए इस मामले को छोड़ दिया गया. ‘‘वीर्य से भरा गुब्बारा’ फेंके जाने के संबंध में पुलिस ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी को शिकायतकर्ता महिलाओं के कपड़ों पर वीर्य का कोई भी अंश नहीं मिला.
पुलिस ने बताया कि उसने दूसरी घटना के संबंध में इस साल मार्च में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था लेकिन उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. मामले में आरोप पत्र दायर किया जाएगा. पुलिस ने बताया कि वह महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दे रही है और साथ ही उन्हें सशक्त बनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है.