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देश विरोधी कार्य कर रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए : डॉ पांडेय
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा एवं समाधान विषय पर संगोष्ठी देश की सुरक्षा के साथ नहीं होना चाहिए किसी प्रकार का समझौता रांची : देश के जो जिले बंगला देश की सीमा से सटे हुए हैं, वहां 70-80 के दशक में घुसपैठ प्रारंभ हुआ. ये घुसपैठिए देश में विभिन्न स्थानों पर रह कर देश […]
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा एवं समाधान विषय पर संगोष्ठी
देश की सुरक्षा के साथ नहीं होना चाहिए किसी प्रकार का समझौता
रांची : देश के जो जिले बंगला देश की सीमा से सटे हुए हैं, वहां 70-80 के दशक में घुसपैठ प्रारंभ हुआ. ये घुसपैठिए देश में विभिन्न स्थानों पर रह कर देश विरोधी कार्य कर रहे हैं. यह बातें रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर के तत्वावधान में सेंट्रल लाइब्रेरी सभागार में बांग्लादेशी घुसपैठ : राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा एवं समाधान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए. इस मामले पर लोगों को सरकार का साथ देना चाहिए. एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि हमारे देश में आतंकवाद, नक्सलवाद, गौ हत्या जैसी विकट समस्याओं का केंद्र बिंदु बांग्लादेश से आये हुए घुसपैठिए हैं.
मौके पर महानगर अध्यक्ष डॉ पंपा सेन, डॉ दीपनारायण जायसवाल, आनंद ठाकुर, महाराज सिंह, डॉ दिनेश, अटल पाण्डेय, कृष्ण मिश्रा, कृष्णा शुक्ल, संतोषी गुप्ता, गोपाल कृष्ण दुबे, आशुतोष सिंह, सोमनाथ भगत, अनुराधा पांडे, मानसी कुमारी, स्वर्णिम राय समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए के कारण आज रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है. बांग्लादेशी घुसपैठी झारखंड में साहेबगंज, पाकुड़, चतरा, हजारीबाग, जमशेदपुर जैसे स्थानों पर रह रहे हैं. पाकुड़ जिले में पूर्व में रामपुर पंचायत होती थी, लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियों के आने से उस पंचायत का नामोनिशान नहीं मिलता है. ये यहां की लड़कियों से शादी कर जल, जंगल और जमीन को हड़प कर अपने आप को भारत देश का निवासी बताते हैं. उन्होंने कहा कि एनआरसी को लागू होने दिया जाये.
असम और बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या सबसे अधिक : श्रीहरि
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीहरि ने कहा कि असम व बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या सबसे अधिक है. वर्तमान समय में मालदा में बांग्लादेशी घुसपैठिए अपने कार्यों को करते हैं और छिपने का स्थान झारखंड के साहेबगंज सहित अन्य जिले को बनाते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद द्वारा 1972 में इस विषय पर एक प्रस्ताव भी लगाया गया था और इसका विरोध भी किया गया था. हाल के वर्षों में हुए कई बम ब्लास्ट में बांग्लादेशी घुसपैठिए के शामिल होने के संकेत मिले हैं.
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