चंडीगढ़ : भारत के पूर्व हॉकी कप्तान सरदार सिंह निकट भविष्य में प्रीमियर यूरोपीय क्लब टीमों को कोचिंग देने की योजना बना रहे हैं जिन्होंने बुधवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा। सरदार नीदरलैंड और जर्मनी की लीग में खेल चुके हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, हॉकी इंडिया और हरियाणा सरकार से अनुमति लेने के बाद मैं कोचिंग शुरू कर दूंगा. मैं प्रीमियर यूरोपीय लीग में क्लबों के साथ काम करने की योजना बना रहा हूं.
भारतीय हॉकीमें विदेशी कोचों की काफी मांग है, सरदार ने स्वीकार किया कि संवाद एक समस्या है क्योंकि प्रत्येक खिलाड़ी इंग्लिश नहीं बोलता. उन्होंने व्यावहारिक दिक्कत के बारे में बताते हुए कहा, निश्चित रूप से, कभी कभार संवाद में समस्या होती है.
मैच के दौरान हर क्वार्टर के बाद दो मिनट का ब्रेक एक खिलाड़ी के लिये काफी अहम होता है और इस दौरान कोच खेल के बारे में अपना आकलन करके खिलाड़ियों को समझाता है. जब विदेशी कोच इंग्लिश में बोलता है तो आमतौर पर अनुवाद का इतना समय नहीं होता.
सरदार ने फिर दोहराया कि उन्हें संन्यास लेने के लिये किसी ने बाध्य नहीं किया लेकिन उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में मलेशिया से सेमीफाइनल में हारने के बाद ही उनके मन में यह बात आ गयी थी.
उन्होंने कहा, मैंने अपनी फिटनेस को देखते हुए शुरू में 2020 तोक्यो ओलंपिक तक खेलने के बारे में सोचा था. लेकिन इस मैच में हार के बाद मैंने कोच, सीनियर खिलाड़ियों से बात की और अपने परिवार के सदस्यों से सलाह मशविरा किया. इसके बाद ही मैंने संन्यास का फैसला किया. यह मुश्किल फैसला था लेकिन यह हर किसी खिलाड़ी की जिंदगी में आता है.