रांची/नयी दिल्ली : त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है. आम तौर पर परदेस में रहने वाले त्योहारों में अपना घर वापस आते हैं और उनके सफर का अहम साधन रेलगाड़ियां ही हैं. अब जरा गौर कीजिए कि यदि आम आदमी को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली रेलगाड़ियां ही देर से परिचालित होंगी, तो परदेसी बाबू तो घर भी देर से ही पहुंचेंगे. इस बीच, चौंकाने वाली बात यह है कि देश के दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाली करीब 47 फीसदी रेलगाड़ियां लेट-लतीफी की शिकार हो गयी हैं.
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जी हां, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं. देश के दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाली करीब 47 फीसदी रेलगाड़ियां लेट-लतीफी की शिकार हो गयी हैं. देर से झारखंड पहुंचने वाली रेलगाड़ियों में आनंद विहार-हटिया झारखंड स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस सबसे अव्वल है. आलम यह कि झारखंड आने वाली रेलगाड़ियां बीते तीन महीने से लेट-लतीफी की चपेट में हैं.
रेलयात्री, जो कि तेजी से बढ़ता हुआ एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, ने सबसे अधिक देरी से झारखंड पहुंचने वाले तीन ट्रेनों की सूची जारी की है. मशीन लर्निंग और गहराई से डाटा एनालिटिक्स करने के पश्चात् रेलयात्री एप ट्रेनों के संचालन का आकलन करता है जिसके आधार पर यह बात सामने आयी कि कई रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थान पर पिछले तीन महीनों से लगातार देरी से पहुंच रही है.
रेलयात्री एप पर देर से झारखंड पहुंचने वाली रेलगाड़ियों की जारी सूची के अनुसार, आनंद विहार-हटिया झारखंड स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस करीब 10 घंटे 46 मिनट की देरी के साथ पहले स्थान पर है.
रेलयात्री एप पर जारी सूची के अनुसार, देर से झारखंड आने वाली गाड़ियों में 12874 आनंद विहार-हटिया झारखंड स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस के अलावा 12818 आनंद विहार-हटिया झारखंड स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 18632 अजमेर-रांची गरीब नवाज एक्सप्रेस, 18104 अमृतसर-टाटानगर जालियांवाला बाग एक्सप्रेस, 22858 आनंद विहार टर्मिनल-संतरागाछी वीकली सुपरफास्ट एक्सप्रेस और 12876 आनंद विहार टर्मिनल-पूरी नीलांचल सुपरफास्ट एक्सप्रेस आदि रेलगाड़ियां शामिल हैं.