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रांची : मध्याह्न भोजन के लिए स्कूलों को अब पैसा नहीं, दाल देगी सरकार
झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने सभी डीएसइ को भेजा पत्र रांची : राज्य के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के लिए अब सरकार ही दाल की आपूर्ति करेगी. स्कूलों को दाल के लिए अब तक सरकार द्वारा राशि दी जाती थी. स्कूल में दाल सरस्वती वाहिनी के स्तर से क्रय की जाती थी. दाल के […]
झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने सभी डीएसइ को भेजा पत्र
रांची : राज्य के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के लिए अब सरकार ही दाल की आपूर्ति करेगी. स्कूलों को दाल के लिए अब तक सरकार द्वारा राशि दी जाती थी. स्कूल में दाल सरस्वती वाहिनी के स्तर से क्रय की जाती थी.
दाल के लिए राशि सरकार कुकिंग कॉस्ट में जोड़ कर देती थी. झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक शैलेश चौरसिया ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है. दाल की आपूर्ति सरकार द्वारा किये जाने के बाद कुकिंग कॉस्ट की राशि में कटौती कर दी गयी है. मध्याह्न भोजन के लिए प्रति बच्चा दी जानेवाली राशि अब कम कर दी गयी है. स्कूलों को दाल की आपूर्ति के लिए दाल सभी जिलों के राज्य खाद्य निगम के गोदाम तक पहुंचा दी गयी है.
राज्य खाद्य निगम के गोदाम से विद्यालय तक दाल की आपूर्ति डोर स्टेप डिलिवरी के तहत की जायेगी. स्कूलों तक दाल पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित जिला के जिला शिक्षा अधीक्षक की होगी. इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है.
अब प्रति बच्चा 1.90 रुपये कम मिलेगी राशि
मध्याह्न भोजन के लिए सरकार द्वारा दाल दिये जाने के बाद स्कूलों को प्रति बच्चा कुकिंग कॉस्ट के लिए मिलने वाली राशि में की गयी कटौती से संबंधित पत्र भी जारी कर दिया गया है. प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र में कहा गया है स्कूल प्रति माह एवं प्रति तीन माह का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये. अब स्कूलों में कक्षा एक से पांच के लिए प्रति बच्चा 2.87 रुपये व छह से आठ के लिए 4.28 रुपये ही जारी किये जायेंगे. कक्षा एक से पांच के लिए प्रति बच्चा 1.26 रुपये व छह से आठ के लिए 1.90 रुपये की कटौती की गयी.
स्कूलों तक चावल नहीं पहुंचाया जाता
राज्य में मध्याह्न भोजन के लिए स्कूलों को चावल सरकार द्वारा आपूर्ति की जाती है. मध्याह्न भोजन के लिए चावल भी स्कूल तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया था, पर स्कूलों तक चावल नहीं पहुंचाया जाता है. स्कूलों को अपने स्तर से चावल लाना होता है.
33 लाख बच्चे खाते हैं मध्याह्न भोजन
राज्य में कक्षा एक से आठ तक में पढ़नेवाले लगभग 33 लाख बच्चे प्रतिदिन मध्याह्न भाेजन खाते हैं. सरकारी विद्यालयों के साथ-साथ अल्पसंख्यक विद्यालय के बच्चों को भी मध्याह्न भोजन दिया जाता है. मध्याह्न भोजन के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है.
दिया गया है निर्देश
अब तक बच्चों के खाने के लिए केवल चावल की आपूर्ति करती थी सरकार
सभी डीएसइ को दिया गया है
निर्देश, स्कूलाें तक दाल पहुंचाने की करें व्यवस्था
सभी जिलों के राज्य खाद्य निगम
के गोदाम तक कर दी गयी है दाल की आपूर्ति
मध्याह्न भोजन का प्रति बच्चा कुकिंग कॉस्ट
कक्षा पहले अब
एक से पांच 4.13 रुपये 2.87 रुपये
कक्षा छह से आठ 6.18 रुपये 4.28 रुपये
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