नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि सरकार को तेल कीमतों में रोजाना या साप्ताहिक आधार पर होने वाले बदलावों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जुलाई में तेल के दाम घटने से एक माह पहले तेल के दामों में तेजी थी. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका के बीच एक पखवाड़े में कच्चे तेल के दाम सात डॉलर प्रति बैरल ऊंचे हो गये हैं.
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कुमार ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल या अन्य जिंस कीमतों में रोजाना या एक निश्चित समय में होने वाले बदलाव पर निगाह रखी जानी चाहिए, लेकिन इस पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जून में इसके दाम बढ़े थे, जबकि जुलाई में घटे थे. क्या ऐसा नहीं था? यह स्थिति आगे भी हो सकती है. ऐसे में कोई नीति बाजार में किसी समयावधि में घटनाक्रमों के हिसाब से नहीं होनी चाहिए.
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से देश में भी पेट्रोल-डीजल महंगा हो रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पेट्रोल-डीजल कीमतों में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अत्यधिक करों की वजह से ऐसा हो रहा है. मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल 79.31 प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया. वहीं डीजल भी 71.34 प्रति लीटर के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
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