वायरल समाचार सही पाया गया, कई दिनों से था जेनरेटर बंद- सीओ
बड़कागांव सीएचसी का हाल बेहाल- डॉ आर सी प्रसाद
बड़कागांव अस्पताल में जेल की तरह अंधेरे में अतिकुपोषित बच्चे एवं उनके परिजन
संजय सागर@बड़कागांव
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुपोषित बच्चों को अंधेरे में ताला बंद करके कैदी की तरह रखने का समाचार व फोटो बीते रात वायरल होने के बाद हजारीबाग उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने संज्ञान में लेकर सीओ वैभव कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर जांच किया गया. और मामले को सही पाया गया. सीओ ने बताया कि कुपोषित बच्चे व उनके परिजन अंधेरे में थे तथा किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. जिसके संबंध में चिकित्सा कर्मी ने डीजल खत्म होने की बात स्वीकार की. वहीं पूर्व चिकित्सा प्रभारी डॉ आर सी प्रसाद ने बताया कि बड़कागांव सीएचसी की स्थिति चरमरा गयी है तथा कोई भी डॉ नियत समय से मौजूद नहीं रहते तथा प्रबंधन पर भी कोई ध्यान नहीं देते, जिसके संबंध में कई बार शिकायत मिलता है.
क्या है मामला
बताते चले कि बीती रात 7:45 अस्पताल के मरीजों से सूचना मिली कि पूरा हॉस्पिटल अंधेरे में है और जितने मरीज हैं सभी परेशान हैं. जब अखबार के दो रिपोर्टर वहां पहुंचे और फोटो खींच वाट्स एप फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जिसे देख हजारीबाग उपायुक्त, हजारीबाग सिविल सर्जन संज्ञान ने लिया और जांच टीम बनायी. जांच टीम में बड़कागांव सीओ वैभव कुमार सिंह अहले सोमवार सुबह अस्पताल पहुंचकर हालचाल लिया.
अति कुपोषित बच्चों में चेपाकला गांव से दो मरीज प्रीति कुमारी, पिता- नंदकिशोर राणा, परी कुमारी, पिता- कैलाश महतो, अराहरा गांव से देव कुमार, पिता- फुलदेव महतो, रीना कुमारी, पिता- राजेंद्र महतो, सीकरी गांव से मीनाक्षी कुमारी, पिता- कीनू महतो, प्रसव को लेकर आयी महिला कौशल खातून, दुलारी देवी, साथ में रह रहे परिजन सुगिया देवी, मालती देवी, रीता देवी, रीभा देवी ने बताया कि हम लोग 8 दिनों से यहां रहे हैं लेकिन कभी भी कोई दिन लाइट नहीं जलायी गयी.
अति कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए एनएएम रंजू देवी थी जो बच्चों के वार्ड वाले गेट पर ताला लगाकर अपने घर चली गयी थी. इसकी शिकायत हम लोगों ने यहां पदाधिकारी व कर्मचारियों से कई बार बात की गयी. लेकिन कोई कार्रवाई तो दूर सुनने को भी तैयार नहीं था. इस बीच रविवार देर रात मीडिया वाले आकर हम लोगों का हालचाल जाना. जब मीडिया वाले उक्त खबर को फेसबुक व्हाट्सएप्प आदि सोशल मीडिया पर वायरल किया तब तकरीबन आधे घंटे के अंदर पूरे हॉस्पिटल में लाइट जलायी गयी. साथ ही रात में मरीजों को खाने में खिचड़ी व दूध दिया गया.
वहीं सीओ वैभव कुमार सिंह ने जांच के क्रम में पाया की झारखंड सरकार से जननी सुरक्षा योजना के तहत मिली राशि का दो प्रतिशत राशि जनरेटर हेतु तेल में खर्च करना है, जिसमें प्रतिदिन 15-15 लीटर तथा केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन संरक्षित करने के लिए आवश्यकता अनुसार रुपये खर्च करने के लिए केंद्र सरकार से राशि उपलब्ध करायी जाती है. वहीं सीओ ने आगे बताया कि पूर्व प्रभारी के द्वारा किन-किन मदों में कितनी राशि उपलब्ध करायी जाती है और कहां-कहां खर्च करना है उसका ब्यौरा दिया गया है.
जांच के बाद सीओ आगे बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कागांव में 5-5 डीजे जनरेटर उपलब्ध हैं जो सभी चालू स्थिति में हैं. जनरेटर बंद होने का कारण वर्तमान चिकित्सा प्रभारी डॉ श्याम किशोर कांत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि टेक्निकल गड़बड़ी के कारण जनरेटर नहीं चलाया जा सका था.