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कोलकाता : सहायक प्रोफेसर पद के लिए सीएससी को 16 हजार से अधिक आवेदन मिले

सेट व नेट क्लीयर कर चुके शिक्षित युवाओं ने कॉलेज में पढ़ाने की नाैकरी के लिए आवेदन किया कोलकाता : राज्य में शिक्षित लोग नाैकरी के लिए कैसे भटक रहे हैं. एक नाैकरी के लिए हर क्षेत्र में हजारों की तादाद में शिक्षित बेरोजगार युवा आवेदन कर रहे हैं. इसका एक नमूना कॉलेज सर्विस कमिशन […]

सेट व नेट क्लीयर कर चुके शिक्षित युवाओं ने कॉलेज में पढ़ाने की नाैकरी के लिए आवेदन किया
कोलकाता : राज्य में शिक्षित लोग नाैकरी के लिए कैसे भटक रहे हैं. एक नाैकरी के लिए हर क्षेत्र में हजारों की तादाद में शिक्षित बेरोजगार युवा आवेदन कर रहे हैं. इसका एक नमूना कॉलेज सर्विस कमिशन (सीएससी) की रिपोर्ट में भी देखने को मिला है. कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार यहां असिस्टेंट प्रोफेसर के पद की नाैकरी के लिए 16 हजार से भी अधिक आवेदन प्राप्त किये गये हैं.
राज्य के सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों में प्रोफेसरों के लगभग ढाई हजार पद खाली पड़े हैं, लेकिन इसकी नाैकरी पाने के लिए राज्यभर से भारी तादाद में आवेदन कमिशन को प्राप्त हुए हैं. योग्य उम्मीदवारों में नेट (नेशनल एलीजेबिलिटी टेस्ट) या सेट (स्टेट एलीजेबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास करने वाले कई बीए, बीएड, एमए बीएड व एमफिल के आवेदक भी शामिल हैं.
कॉलेज सर्विस कमिशन के एक अधिकारी ने बताया कि जिन आवेदकों का अच्छा एकेडमिक रिकार्ड है, वे कॉलेज में अध्यापन के कार्य को ही बेहतर समझते हैं. शैक्षणिक योग्यता हासिल करने के बाद पढ़ाने में आजकल ऐसे लोगों की रुचि बढ़ रही है. विशेषकर क्वालीफाइड महिलाओं को यह नाैकरी ज्यादा पसंद है.
हालांकि यह जरूरी नहीं है कि सभी योग्य आवेदकों को नाैकरी मिल ही जायेगी लेकिन इसके लिए कई लोगों ने आवदेन किया है. कॉलेज के एक प्रिंसिपल ने बताया कि इसमें वेतन भी ठीक है व काम के घंटे भी निर्धारित है. सरकारी जॉब है, जो नियुक्ति के बाद सुरक्षित मानी जाती है.
इसमें भर्ती किये गये आवेदकों को शुरू में 46,000 रुपये वेतन मिल ही जाता है. यूजीसी द्वारा गठित किये गये योग्यता क्राइटेरिया के अनुसार, कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के इच्छुक उम्मीदवार के पी जी स्तर पर परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है. योग्य उम्मीदवार को नेट (नेशनल एलीजेबिलिटी टेस्ट) या सेट (स्टेट एलीजेबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास होना भी अनिवार्य है.
आवेदन जमा करवाने की अंतिम तिथि के बाद भी आवेदन भेजे गये हैं. इसमें सभी आवेदकों को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया जायेगा. यूजीसी की नयी गाइडलाइन के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए राज्य प्रशासन के पास यह अधिकार है कि वह इंटरव्यू के लिए आवेदकों का नाम चयन करके उनकी सूची बनाये.
इसमें आवेदक के 10वीं व 12वीं परीक्षा के अंक भी देखे जाते हैं. पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा के बजाय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के अंकों को महत्व दिया जाता है.
इसमें कम अंक होने पर आवेदक को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया जायेगा. अंकों के अलावा कमिशन प्रत्येक उम्मीदवार के जरनल्स में प्रकाशित किये गये रिसर्च पेपर व सेमिनार में सहभागिता का स्कोर भी देखेगा. सरकार की मंजूरी मिलने के बाद साक्षात्कार शुरू किया जायेगा. चयनित सूची बनाते समय सरकार के पास यह अधिकार है कि वह 40 प्रतिशत आवेदकों का आवेदन रद्द कर सकती है.
युवा बंगाल में अध्यापन के पेशे को ही बेहतर विकल्प मान रहे हैं. इस हिसाब से जरूरत से ज्यादा आवेदकों ने अपना बायोडेटा भेजा है. रिकार्ड बताते हैं कि तीन साल पहले भी असिस्टेंट टीचर के 35 हजार पदों के लिए 21 लाख आवेदन भेजे गये थे. नाैकरी के लिए लोगों के पास अब राज्य में ज्यादा विकल्प नहीं हैं.

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