रविकांत साहू@सिमडेगा
जलडेगा प्रखंड के सावनाजारा गांव नशामुकत गांव तो हो गया. पर अब भी गांव के लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. सावनाजारा गांव में सरकार के वादे झूठे साबित हो रहे हैं. प्रशासन के द्वारा स्वच्छता के विषय में किये गये दीवार लेखन भी बेमानी साबित हो रहा है. शौचालय नहीं बनने से महिला समूह की महिलाएं और ग्रामीणों ने लोटा लेकर विरोध प्रदर्शन किया. समूह की महिलाओं ने कहा कि मुखिया तथा बीडीओ को शौचालय बनाने को लेकर आवेदन भी दिया. परंतु न ही मुखिया और न ही बीडीओ द्वारा ही कोई पहल कर रहे हैं.
महिलाओं का कहना है कि मनरेगा तथा जेएसएलपीएस के माध्यम से शौचालय बनेगा कहा गया पर किसी भी मद से शौचालय नहीं बना. मुखिया और वार्ड सदस्य ने भी हाथ खड़े कर दिये. गांव की अमृता देवी, बासमती देवी, लक्ष्मी देवी, सुखपति देवी, सरस्वती देवी, पतांगी देवी, फुलमनी देवी, सावित्री देवी, बुधनी देवी सहित कई महिलाओं ने कहा कि गांव के एकजुटता के बल पर गांव को नशामुक्त बनाया. गांव ओडीएफ घोषित हो जाने के बावजूद गांव में शौचालय नहीं बना. गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया.
महिलाओं ने अखबार के माध्यम से उपायुक्त महोदय से मांग की है कि किसी भी विभाग से गांव में शौचालय निर्माण करवा के खुले में शौच मुक्त करने का प्रयास किया जाए.