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Asiad 2018 : मुक्केबाज अमित फाइनल में, चोटिल विकास को कांसा

जकार्ता : पर्दापण कर रहे मुक्केबाज अमित पांघल (49 किग्रा) ने शुक्रवार को यहां 18वें एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन चोटिल विकास कृष्ण (75 किग्रा) को सेमीफाइनल के लिए अनफिट घोषित किये जाने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. अमित सेमीफाइनल मुकाबले में फिलीपींस के […]

जकार्ता : पर्दापण कर रहे मुक्केबाज अमित पांघल (49 किग्रा) ने शुक्रवार को यहां 18वें एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन चोटिल विकास कृष्ण (75 किग्रा) को सेमीफाइनल के लिए अनफिट घोषित किये जाने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

अमित सेमीफाइनल मुकाबले में फिलीपींस के कार्लो पालाम को 3-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश करनेवाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज रहे. साल के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतनेवाले सेना के 22 वर्षीय मुक्केबाज का सामना शनिवार के फाइनल में मौजूदा ओलिंपिक चैंपियन और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदकधारी उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसमातोव से होगा. अमित पिछले साल हैम्बर्ग विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में वह दुसमातोव से हार गये थे. हरियाणा के मुक्केबाज अमित की बाउट काफी दिलचस्प रही जिसमें निर्णय अंतिम मिनट में उनके पक्ष में हुआ. उनकी शुरुआती बाउट अच्छी नहीं रही थी, लेकिन उन्होंने इससे उबरते हुए अपने पहले एशियाई खेलों में कम से कम रजत पदक तो पक्का कर दिया. फिलीपींस का मुक्केबाजी काफी आक्रामक था, लेकिन अमित कुछ स्ट्रेट पंच लगाने में सफल रहे जिससे फैसला उनके हक में रहा.

भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा ने कहा, ‘अमित की यह शानदार शुरुआत नहीं थी, उसने पकड़ बनाने में थोड़ा समय लिया. लेकिन, दूसरे दौर में वह काफी अच्छा रहा, पर फिलिपींस के मुक्केबाज ने वापसी की. पर, अमित ने कुछ शानदार पंच से इसे अपने नाम किया. यह काफी तनावपूर्ण था.’ अमित ने इस साल के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था. इसके अलावा सेना के इस मुक्केबाज ने बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था. कृष्ण को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा क्योंकि बायीं पलक पर चोट लगने के कारण उन्हें सेमीफाइनल खेलने से अयोग्य करार दिया गया. दल के अधिकारी ने कहा, ‘उसकी रेटिना में भी सूजन है और उसके लिए बाउट लड़ना काफी जोखिम भरा था. उन्हें कुछ हफ्तों के लिए ब्रेक लेना होगा.’

विकास को कजाखस्तान के अमानकुल अबिलखान से खेलना था, लेकिन चोट के कारण उन्हें बाहर रहना होगा. वह हालांकि लगातार तीन एशियाई खेलों में पदक जीतनेवाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गये हैं. उन्होंने ग्वांग्झू में 2010 में लाइटवेट 60 किलो में स्वर्ण जीता था.। इसके बाद 2014 में इंचियोन में मिडिलवेट में कांस्य पदक जीता. उन्हें प्री क्वार्टर फाइनल में चोट लगी थी और क्वार्टर फाइनल में उनका घाव गंभीर हो गया.

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