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घोषणाओं में फंसी शहर की ट्रैफिक

शहर की यातायात व्यवस्था चरमराई है. ऑटो चालक जब भी हड़ताल पर जाते हैं, तो शहर में दूसरी कोई व्यवस्था नहीं रह जाती है, िजससे लोग आवागमन कर सकें. जबकि कुछ साल पहले ऐसा नहीं था. जमशेदपुर : शहर में 2025 तक मोनो ट्रेन दौड़ाने की व्यवस्था थी. ग्रेटर जमशेदपुर के मास्टर प्लान के तहत […]

शहर की यातायात व्यवस्था चरमराई है. ऑटो चालक जब भी हड़ताल पर जाते हैं, तो शहर में दूसरी कोई व्यवस्था नहीं रह जाती है, िजससे लोग आवागमन कर सकें. जबकि कुछ साल पहले ऐसा नहीं था.

जमशेदपुर : शहर में 2025 तक मोनो ट्रेन दौड़ाने की व्यवस्था थी. ग्रेटर जमशेदपुर के मास्टर प्लान के तहत सुपीरियर ग्लोबल कंपनी ने लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम की योजना को तैयार किया है. इसमें इस्ट-वेस्ट और नॉर्थ-साउथ नाम के दो कॉरीडोर बनाये जाने हैं. नॉर्थ-साउथ कॉरीडोर में तामुलिया से सुंदरनगर और इस्ट-वेस्ट कॉरीडोर में सरायकेला-खरसावां के धीरापुर से घोड़ाबांधा तक लाइट ट्रेन चलाने की योजना थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके तहत सुंदरनगर में मेंटेनेंस सेंटर 175 एकड़ जमीन में बनना था, जो नहीं बन पाया. जबकि, छोटी-मोटे काम यानि साफ-सफाई और वायरिंग आदि का काम तामोलिया और घोड़ाबांधा डिपो में होगा. लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम के तहत दो ट्रेन डिपो बनाये जाने हैं. नॉर्थ-साउथ कॉरीडोर के लिए डिपो तामुलिया में बनेगा.
इसके लिए 160 एकड़ जमीन चाहिए. इसमें 51 एकड़ जमीन पर डिपो का निर्माण होगा. बाकी 109 एकड़ जमीन मिश्रित इस्तेमाल के लिए होगी. इस्ट-वेस्ट कॉरीडोर के लिए डिपो घोड़ाबांधा में बनेगा. इसके लिए कुल 75.9 एकड़ जमीन चाहिए. डिपो 25.5 एकड़ में बनेगा, लेकिन आज तक जमीन को चिह्नित तक नहीं किया गया है.
यह था यातायात व्यवस्था
को दुरुस्त करने का प्लान
चौड़ी और ठीक होंगी सड़कें : जुस्को एरिया की सड़कों का चौड़ीकरण का काम चल रहा है.
25 गोलचक्कर और चौराहे चिह्नित : दस गोलचक्कर को जुस्को ने चौड़ा किया है.
सड़कों पर पैदल चलने वालों की क्राॅसिंग : यह अब तक कहीं नहीं बन पाया.
मानगो से साकची जाने को वन वे व्यवस्था : यह काम अब तक नहीं हो पाया है.
मानगो से साकची गोलचक्कर क्लाक वाइज वन वे रोड : यह योजनाएं ही बनी रह गयी.
साकची गोलचक्कर से भालुबासा जाने वाले को शीतला मंदिर की तरफ से जाना होगा : यह भी व्यवस्था नहीं बदली
टाटानगर रेलवे स्टेशन में सेकेंड इंट्री से भी प्रवेश इससे रेलवे ओवरब्रिज पर भार घटेगा : अब तक सेकेंड इंट्री बन गया है, लेकिन कोई व्यवस्था सेकेंड इंट्री पर नहीं है, क्योंकि स्टेशन प्लेटफार्म पर जाने का दूसरी ओर से कोई व्यवस्था नहीं है.
साकची, कदमा, गोलमुरी, बर्मामाइंस, डिमना, मानगो, परसुडीह, रेलवे स्टेशन रोड आदि जगहों अतिक्रमण हटाना.
रोड साइंस लगाना व पार्किंग जोन बनाना : अब तक काम अधूरा
परसुडीह, गोविंदपुर आदि इलाकों की सड़कें होंगी 12 फीट तक चौड़ी : इसका काम पूरा नहीं हो पाया है.

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