28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में खुलेगा पशु विज्ञान केंद्र : नीतीश कुमार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह का बुधवार को उद्धाटन करते हुए कहा कि राज्य में कृषि विज्ञान केंद्र की तर्ज पर पशु विज्ञान केंद्र खुलेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी तरह के संसाधन की कमी नहीं होगी. जिलों व प्रखंड में कृषि फार्म है, वहां […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह का बुधवार को उद्धाटन करते हुए कहा कि राज्य में कृषि विज्ञान केंद्र की तर्ज पर पशु विज्ञान केंद्र खुलेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी तरह के संसाधन की कमी नहीं होगी. जिलों व प्रखंड में कृषि फार्म है, वहां की जमीन केंद्र खोलने के लिए उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय मिलकर इस दिशा में काम करे. उन्होंने कहा कि जहां इस तरह के केंद्र की जरूरत है वहां केंद्र खोलें.

मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने पशु चिकित्सालयों को भी दुरुस्त करने को कहा. कार्यक्रम का आयोजन अधिवेशन भवन में किया गया था. इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री पशुपति कुमार पारस भी मौजूद थे.सीएम ने कहा कि कृषि रोड मैप में कृषि एवं इससे संबद्ध अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए काम किये जा रहे हैं. जमीन, शिक्षा, सिंचाई, पशु, मत्स्य, पर्यावरण जैसे विषयों को कृषि रोड मैप में विशेष स्थान दिया गया है.

नीतीश कुमार ने कहा कि जब हमने राज्य में शासन की बागडोर संभाली थी तो उस समय हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत था. कृषि रोड मैप में इसे 15 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. सर्वे रिपोर्ट आ गया है, लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाबी मिली है. राज्य में हरित आवरण क्षेत्र 17 प्रतिशत तक ले जाया जायेगा. 22 करोड़ से ज्यादा पौधारोपण किया जा चुका है. राज्य के एसजीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है और कृषि में एक तिहाई योगदान पशु एवं मत्स्य संसाधन का है. उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में किसानों का सबसे बड़ा सहारा पशुपालन हो सकता है. राज्य सरकार पशु व मत्स्यपालन को बढ़ावा दे रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी नाम का व्यापक संदर्भ है. पशु से संबंधित अध्ययन, शोध से पशुपालन के क्षेत्र में प्रेरणा मिलेगी. डेयरी के क्षेत्र में काफी काम किया गया है. पशुपालन क्षेत्र में कोअॉपरेटिव सोसायटी द्वारा काम किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ने की जरुरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देशी नस्ल के जानवरों का प्रतिशत देश में बिहार का बेहतर है. फ्रीजियन, साहिवाल, जर्सी नस्ल की गाय बिहार में लोग पाल रहे हैं लेकिन फ्रीजियन एवं साहिवाल नस्ल की गायें बिहार के वातावरण के अनुकूल अपने आपको नहीं ढाल पाती हैं. कुछ हद तक जर्सी गाय हमारे प्रदेश के वातावरण के अनुकूल ढल चुकी हैं. देशी नस्ल को बढ़ावा देना है, इसके लिए देशी सीमन की व्यवस्था करने की जरुरत है.

नीतीश कुमार ने कहा, पूर्णिया में सीमन फ्रोजेन केंद्र की स्थापना की गई है. जानवरों के बेहतर रखरखाव के लिए अच्छे अस्पताल को बनाने की आवश्यकता है. अभी जो अस्पताल हैं उसे और प्रभावशाली बनाने की जरुरत है. जानवरों का इलाज बेहतर ढंग से हो, उसके लिए अस्पताल में अलग-अलग विभाग बनाकर विशेषज्ञों को बहाल करने की जरूरत है ताकि पशुओं का त्वरित एवं बेहतर इलाज हो सके और पशु संसाधन की रक्षा हो सके. पशु संसाधन का जब तक बेहतर इलाज नहीं होगा, तब तक आत्मसंतोष नहीं होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है यह भी पशुपालन से जुड़ा है. जैविक खेती को बढ़ावा देने से जैविक खाद की आवश्यकता होगी. वर्मी कंपोस्ट, पेस्टिसाइट, ब‚यो पेस्टिसाइट के लिए गोबर एवं गोमूत्र की जरुरत होगी. बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के माध्यम से बिहार देश का एक उदाहरण बनेगा. इसके पहले मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के प्रतीक चिन्ह, विश्वविद्यालय के सील का लोकार्पण किया. उन्होंने विश्वविद्यालय की वेबसाइट का माउस दबाकर शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने मत्स्य महाविद्यालय किशनगंज का रिमोट के जरिये शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के प्रकाशन, विजन-2030, वार्षिक रिपोर्ट एवं सोविनियर का विमोचन किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें