नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि बैंकों को अभी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या से निजात नहीं मिलने वाली. केंद्रीय बैंक ने कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में बैंकों का डूबा कर्ज और बढ़ेगा. रिजर्व बैंक की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग प्रणाली में मार्च, 2018 के अंत तक कुल गैर-निष्पादित आस्तियां और पुनर्गठित कर्ज कुल ऋण के 12.1 फीसदी पर पहुंच गयी हैं.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि एनपीए पर प्रावधान बढ़ने तथा बांड पर प्राप्ति बढ़ने की वजह से मार्क टू मार्केट (एमटीएम) ट्रेजरी नुकसान जैसे सामूहिक प्रभाव से बैंकों का मुनाफे पर असर हुआ है और शुद्ध रूप से उनको घाटा उठाना पड़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का कुल सकल एनपीए 31 मार्च, 2018 तक बढ़कर 10,35,528 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 31 मार्च, 2015 को 3,23,464 करोड़ रुपये था.
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