17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एयरसेल मामला: चिदंबरम का सीबीआई पर आरोप-पत्र लीक करने का आरोप, पहुंचे अदालत

नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में आरोप लगाया कि सीबीआई एयरसेल-मैक्सिस मामले में आरोप-पत्र के कुछ हिस्से मीडिया में लीक कर रही है ताकि मुद्दे को सनसनीखेज बनाया जा सके और ‘‘ न्यायिक प्रक्रिया का मखौल उड़ाया जा सके ‘. विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने […]

नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में आरोप लगाया कि सीबीआई एयरसेल-मैक्सिस मामले में आरोप-पत्र के कुछ हिस्से मीडिया में लीक कर रही है ताकि मुद्दे को सनसनीखेज बनाया जा सके और ‘‘ न्यायिक प्रक्रिया का मखौल उड़ाया जा सके ‘. विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने एजेंसी को नोटिस जारी कर आठ अक्तूबर तक जवाब मांगा है.

कांग्रेस के नेता की ओर से अधिवक्ता पीके दुबे और अर्शदीप सिंह ने इस बारे में आवेदन दाखिल किया था. इसमें आरोप लगाया है कि सीबीआई की दिलचस्पी अदालत में मामले की निष्पक्ष सुनवाई में नहीं है बल्कि वह केवल मीडिया ट्रायल चाहती है. आवेदन में कहा गया, ‘‘ चूंकि इस अदालत ने अभी तक आरोप-पत्र संज्ञान नहीं लिया है, इसलिए ऐसा लगता है कि सीबीआई ने गोपनीय रूप से इसकी प्रति अखबार को उपलब्ध करा दी है और वह इसे थोड़ा-थोड़ा करके प्रकाशित कर रहा है ताकि मुद्दे को सनसनीखेज बनाया जा सके और उसमें जिन आरोपियों का नाम है उनके प्रति अदालत के संज्ञान लेने से पहले ही पूर्वाग्रह बनाया जा सके.’

इसमें कहा गया, ‘‘इसे देखते हुए, यह स्पष्ट है कि सीबीआई कानून की अदालत में निष्पक्ष सुनवाई के पक्ष में नहीं है और केवल मीडिया ट्रायल चाहती है. इसके कारण अपीलकर्ता समेत आरोपी लोगों के अधिकारों के प्रति पूर्वाग्रह बन रहा है.’ आवेदन में यह भी कहा गया कि सीबीआई न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना रही है. इससे पहले, पूर्व वित्त मंत्री ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी ने आरोप-पत्र में जिन लोगों के नाम हैं, उन्हें इसकी प्रति देने से पहले ही मीडिया के लिए आरोप-पत्र लीक कर दिया.

इस मामले में जांच ब्यूरो ने 19 जुलाई को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमे चिदंबरम और उनके पुत्र का नाम शामिल है। जांच ब्यूरो इस तथ्य की जांच कर रहा है कि 2006 में वित्त मंत्री ने कैसे एक विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी जबकि ऐसा करने का अधिकार सिर्फ मंत्रिपरिषद की आर्थिक मामलों की समिति का ही था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें