पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड की जांच कर रही सीबीआई ने पटना हाईकोर्ट में आज जांच प्रगति रिपोर्ट से संबंधित कागजात पेश नहीं कर पायी. चीफ जस्टिस एम आर शाह की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान जांच प्रगति रिपोर्ट पेश नहीं किये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहीर की. इसके साथ ही चीफ जस्टिस एम आर शाह की खंडपीठ ने सीबीआई को फटकार भी लगायी.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामलें में कोर्ट में लंच के बाद 2.30 बजे से फिर से सुनवाई की जायेगी. चीफ जस्टिस एम आर शाह की खंडपीठ ने सीबीआई के जांच करने वाले एसपी के ट्रांसफर पर सवाल किया. लेकिन उनके जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं दिखा. राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया.
गौरतलब हो कि इस मामले में कोर्ट ने सोमवार को भी सुनावाई की थी. इस दौरान सीबीआई ने पटना उच्च न्यायालय में एक मुहरबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा की थी. जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में और कागजात पेश करने के लिए कहा था. इसी क्रम में आज सुनवाई के दौरान सीबीआई कोर्ट में जांच रिपोर्ट से संबंधित और कागजात जमा नहीं कर पायी. जिसके बाद कोर्ट ने फटकार लगायी है.
सोमवार को हुए सुनवाई के दौरान मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड से जुड़ी रिपोर्टिंग पर कोर्ट की ओर से रोक लगाये जाने का मुद्दा चर्चा में रहा है था. इस मुद्दे पर भी पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह ने बयान दिया था. उन्होंने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के पीछे तर्क दिया था कि इससे आरोपियों को अग्रिम रूप से लाभ मिलने की आशंका रहती है. उन्होंने कहा, मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के खिलाफ नहीं हूं. मगर, व्यापक जनहित में कभी-कभी उचित रोक लगाने की जरूरत होती है. मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए. आरोपियों को अग्रिम रूप से मीडिया रिपोर्ट से लाभ नहीं पहुंचना चाहिए. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मुजफ्फरपुर कांड में अब तक मीडिया की भूमिका की सराहना भी की थी. उन्होंने कहा कि इस केस को जनता के सामने लाने में मीडिया ने अहम भूमिका अदा की. इसकी सराहना करता हूं.