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रांची : केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव को दिया निर्देश
कोल ब्लॉक परियोजनाएं चालू कराने के लिए उठायें कदम रांची : केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने झारखंड में लंबित कोल परियोजनाओं को चालू कराने की दिशा में मुख्य सचिव को कदम उठाने का निर्देश दिया है. वह सोमवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के साथ राज्य के कोल ब्लॉक […]
कोल ब्लॉक परियोजनाएं चालू कराने के लिए उठायें कदम
रांची : केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने झारखंड में लंबित कोल परियोजनाओं को चालू कराने की दिशा में मुख्य सचिव को कदम उठाने का निर्देश दिया है. वह सोमवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के साथ राज्य के कोल ब्लॉक परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. मुख्य सचिव के साथ खान सचिव अबु बकर सिद्दीकी, खान निदेशक जीशान कमर व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में नीलामी और आवंटन के आधार पर दिये गये 24 कोल ब्लॉक में अब तक केवल दो कोल ब्लॉक से ही उत्खनन आरंभ हो सका है. चार कोल ब्लॉक सरेंडर कर दिये गये हैं.
18 कोल ब्लॉक को चालू होने में अब भी भूमि या फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर मामला चल रहा है. कैबिनेट सचिव ने कहा कि भूमि का मामला यदि भू-राजस्व के पास लंबित है, तो इसे क्लीयरेंस दिलायें. यदि वन एवं पर्यावरण विभाग के पास लंबित है, तो तत्काल क्लीयरेंस मिले इसके लिए प्रयास करें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि कोल ब्लॉक जल्द से जल्द चालू हो. इसके लिए राज्य के अधिकारी लगातार मॉनीटरिंग करें.
इस वर्ष दो कोल ब्लॉक हो सकते हैं चालू
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष कम से कम दो को ब्लॉक एनटीपीसी के चट्टी बरियातू और केरेनडारी से उत्पादन आरंभ हो सकता है.
चार कोल ब्लॉक वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को आवंटित पचुवारा नॉर्थ और पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को आवंटित पचुवारा कोल ब्लॉक से इस वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष तक उत्पादन आरंभ हो जायेगा. दूसरी ओर अडाणी के जीतपुर और जेएसडब्ल्यू के मोइत्रा कोल ब्लॉक से भी अगले वर्ष तक उत्पादन आरंभ होने की संभावना है.
एक लाख लोगों को मिल सकता है रोजगार
जानकार बताते हैं कि नीलामी और आवंटन से मिले सारे 18 कोल ब्लॉक यदि चालू हो जाये, तो लगभग एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं. एक कोयला खदान में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से औसतन पांच हजार लोग काम करते हैं. कोल ब्लॉक आरंभ होने पर झारखंड के ही स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल सकते हैं.
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