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तीन तलाक के मुद्दे पर पीएम मोदी बोले, मुस्लिम महिलाओं को हर हाल में मिलेगा इंसाफ

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को फिर दोहराया है. साफ-साफ कहा देश की नारी शक्ति के खिलाफ कोई भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इसी उद्देश्य से दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है. साथ ही मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को फिर दोहराया है. साफ-साफ कहा देश की नारी शक्ति के खिलाफ कोई भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इसी उद्देश्य से दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है. साथ ही मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक संबंधी विधेयक को संसद से मंजूरी को प्रयासरत है.

रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि लोकसभा में तीन तलाक संबंधी विधेयक को पारित कर दिया गया है. हालांकि, राज्यसभा के इस सत्र में इसे पारित कराना संभव नहीं हो पाया है.

उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से साथ खड़ा है. बलात्कार के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक को पास कर कठोरतम सजा का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि यह कानून महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ़ अपराध के मामलों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभायेगा. सामाजिक बदलाव के बिना आर्थिक प्रगति अधूरी है.

उन्होंने कहा कि जब हम देशहित में आगे बढ़ते हैं तो गरीबों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है. माॅनसून सत्र में इस बार सभी ने मिलकर एक आदर्श प्रस्तुत कर दिखाया है। वे देश के सभी सांसदों का सार्वजनिक रूप से आज हृदय से आभार व्यक्त करते हैं.

एक साथ चुनाव पर चर्चा लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत, वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि

देश में एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव कराने को लेकर जारी बहस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत करार दिया है. ‘मन की बात’ कार्यक्रम में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि आजकल एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराने पर चर्चा हो रही हैै. इस विषय पर सत्तापक्ष व विपक्ष अपनी-अपनी बातें रख रहे हैं. यह अच्छी बात है. लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है. मोदी ने कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा का विकास, लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास, खुले विचारों के साथ डिबेट को प्रोत्साहन ही अटलजी को उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी.

इस मुद्दे पर बंटे हैं दल

साथ-साथ चुनाव के मसले पर राजनीतिक दल एकमत नहीं हैं. भाजपा, अकाली दल, एआइएडीएमके, सपा व तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसी पार्टियां इस विचार के पक्ष में हैं. हालांकि, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, डीएमके, टीडीपी, वाम दल व जेडीएस ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है.

चुनाव अायोग कर चुका है इंकार

कुछ दिन पहले इस मुद्दे पर चुनाव आयोग ने भी अपनी राय व्यक्त की थी. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा था कि बिना एक लीगल फ्रेमवर्क के एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है. फिलहाल कोई चांस नहीं है. लोकसभा और राज्यों की के चुनाव 2019 में एक साथ कराये जाएं हैं, तो आयोग को करीब 24 लाख इवीएम की जरूरत होगी. यह आंकड़ा केवल संसदीय चुनाव कराने के लिए जरूरी संख्या से दोगुना है.

इधर, राहुल बोले विधेयक का नहीं, कुछ प्रावधान का विरोध

लंदन. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी तीन तलाक के मुद्दे पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पार्टी को विधेयक में ‘अपराधीकरण’ के मुद्दे को लेकर दिक्कत है. यह आरोप गलत है कि कांग्रेस तीन तलाक विधेयक को पेश नहीं होने दे रही है. मालूम हो कि भाजपा, कांग्रेस पर तीन तलाक विधेयक को संसद में बाधित करने का आरोप लगा रही है. यह विधेयक लोकसभा में 29 दिसंबर 2017 को पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में पास होना बाकी है.

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