केंद्र सरकार ने जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए अध्यादेश के माध्यम से एससी-एसटी एक्ट को लागू किया है, वह किसी भी दृष्टि से उचित प्रतीत नहीं होता. यह कानून त्रुटियों से भरा हुआ है. इसके दुरुपयोग होने की पूरी संभावना है.
दुर्भावना, प्रतिशोध, ईर्ष्या, लालच व बहकावे से इस कानून के द्वारा आसानी से किसी भी सामान्य या आेबीसी जाति के व्यक्ति को फंसाया जा सकता है और बिना जांच के गिरफ्तार भी किया जा सकता है, चाहे वह बेगुनाह ही क्यों न हो.
साथ ही इस कानून के द्वारा जातिवाद की खाई और ज्यादा बढ़ने की पूरी संभावना है. अतः सरकार को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप कम- से- कम जांच होने तक गिरफ्तारी पर रोक व जमानत की व्यवस्था लागू कर दे ताकि किसी भी वर्ग या जाति के साथ नाइंसाफी न हो सके.
अमित चौबे बाबू, इमेल से