नयी दिल्ली : सावन माह की पूर्णिमा पर 26 अगस्त को यानी आज रक्षाबंधन मनाया जा रहा है. रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन कहलाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का काम करतीं हैं और भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं. इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो राजसूय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप मैं अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था. इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हो गयी.
राखी का प्यार बहना को देने को भाई तैयार, ऑनलाइन गिफ्ट का भी बढ़ रहा चलन
रक्षाबंधन के दिन ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानों को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है. इस दिन वेदपाठी ब्राह्मण यजुर्वेद का पाठ आरंभ करते हैं इसलिए इस दिन शिक्षा का आरंभ करना शुभ माना जाता है. रक्षाबंधन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल श्रावण या सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रकाल का साया नहीं है, लेकिन राखी के दिन पंचक रहेंगे.
पंचक की बात करें तो यह 25 अगस्त से शुरू है और 30 अगस्त तक चलेगा. जानकारों की मानें तो रक्षाबंधन के दिन यानी आज दोपहर 12.35 बजे तक घनिष्ठ नक्षत्र रहेगा. इसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रारंभ होगा. दोनों ही नक्षत्र पंचक कारक हैं. आज 11 घंटे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है, लेकिन कुछ समय को छोड़ना होगा. इसके पीछे के कारण की बात करें तो शाम 4.30 से शाम 6 बजे तक राहु काल रहेगा. राहु काल में राखी नहीं बांधना चाहिए.
बिहारी कलाकृतियों से सजीं हैंडमेड राखियां
राखी बांधने का शुभ समय: सुबह 5 बजकर 59 मिनट से शाम 5 बजकर 25 मिनट तक (26 अगस्त 2018 यानी आज)
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 4 बजकर 12 मिनट तक (26 अगस्त 2018 यानी आज)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: दोपहर 03 बजकर 16 मिनट (25 अगस्त 2018 से शुरू)
पूर्णिमा तिथि समाप्त: शाम 05 बजकर 25 मिनट (26 अगस्त 2018 यानी आज)