पटना : मालसलामी व दीदारगंज थाने के संरक्षण में गंगा नदी से अवैध बालू खनन का धंधा किया जा रहा था. एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर सिटी एसपी पूर्वी राजेंद्र कुमार भील व एएसपी ऑपरेशन अनिल कुमार की टीम ने गुरुवार को गंगा के घाटों पर छापेमारी की. मौके से अवैध बालू खनन में संलिप्त 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही 33 ट्रक, ट्रैक्टर, जेसीबी व हाइवा जब्त किये गये हैं. इनमें सात ट्रक, पांच हाइवा, एक जेसीबी और 20 ट्रैक्टर शामिल हैं. इसके अलावा डंप किये हुए कई ट्रक बालू दो जगहों पर बने गोदामों से बरामद किये गये हैं. पकड़े गये तमाम लोग वाहनों के चालक या खलासी हैं.
एसएसपी मनु महाराज ने अवैध बालू खनन के मामले में मालसलामी व दीदारगंज थाना के तमाम पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया और दोनों के थानाध्यक्षों को सस्पेंड कर दिया गया. सस्पेंड होने वालों में मालसलामी के थानाध्यक्ष प्रेम राज चौहान व दीदारगंज के थानाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद शामिल हैं. खास बात यह है कि मालसलामी के थानाध्यक्ष प्रेम राज चौहान पूर्व में भी कई बार निलंबित किये जा चुके हैं.फिलहाल मालसलामी थाना का प्रभार दिनेश कुमार को दीदारगंज थाने का प्रभार विपिन लाल को दिया गया है.
पुलिस की संलिप्तता की मिली थी जानकारी : इस मामले में तीन बालू माफियाओं का नाम सामने आया है. इसमें दीदारगंज का राजू राय, मालसलामी दमराही घाट का भरत राय व मालसलामी के ही शरीफागंज घाट का विजय राय शामिल हैं. पुलिस की संलिप्तता की जानकारी भी एसएसपी मनु महाराज को मिली थी. ये लोग दियारा इलाके से बालू नाव की मदद से दीदारगंज की ओर लाते थे.
तीन बालू माफियाआें का नाम आया सामने, पकड़ने के लिए हो रही छापेमारी
कई दिनों से चल रहा था अवैध खनन
यह काम कई दिनों से चल रहा था और दीदारगंज व मालसलामी थाने की पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी. जबकि बालू घाटों से अवैध रूप से बालू खनन पर पूर्व में ही रोक लगायी गयी थी. इसके पूर्व भी मनेर, बिहटा समेत कई इलाकों में पुलिस ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी. दूसरी ओर इन तीनों माफियाओं को पकड़ने के लिए पुलिस ने छापेमारी की. लेकिन फरार मिले. इन तीनों के अलावा अन्य लोगों की संलिप्तता के संबंध में छानबीन की जा रही है.
सभी जिलों में चलेगा अभियान, 15 जांच दल गठित
क्या कहते हैं अधिकारी
खान व भूतत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच दलों का गठन बालू व गिट्टी का अवैध खनन, उनके भंडारण और परिवहन को रोकने के लिए किया गया है. फिलहाल प्रत्येक जांच दल में दो अधिकारी हैं. आवश्यकता होने पर इनमें परिवर्तन किया जा सकता है. दल के अधिकारियों को संबंधित जिला से वाहन, ईंधन और सुरक्षा के लिए पुलिस की व्यवस्था करायी जायेगी.
पहले भी कई थानाध्यक्ष हो चुके हैं सस्पेंड
अवैध बालू के मामले में पिछले साल दीघा, बिहटा व खाजेकलां के थानाध्यक्ष सस्पेंड हो चुके है. पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बावजूद भी अवैध रूप से बालू खनन का धंधा नहीं रुक रहा है. दीघा व खाजेकलां में अवैध रूप से बालू खनन के बाद काफी मात्रा में स्टॉक किया गया था. इसके बाद दोनों थानों के तत्कालीन थानाध्यक्ष को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था. इसके बाद बिहटा में अवैध खनन को लेकर वहां के थानाध्यक्ष को निलंबित किया था.
नहीं मिलीं 13 पाेकलेन मशीनें : बिहटा थाने में बरामद की गयी 13 पोकलेन मशीनें अब तक नहीं मिल पायी हैं. 31 जुलाई 2016 में अवैध बालू खनन को लेकर सिपाही राय एवं फौजी गिरोह के बीच विवाद में दो की मौत भी हो गयी थी. इसके बाद दो अगस्त 2016 को पुलिस कार्रवाई में मौके से 23 पोकलेन जब्त की गयी थी. तत्कालीन डीआइजी ने जब बाद में पूरे मामले की समीक्षा की थी तो एक दर्जन पोकलेन गायब पाया था.
दोनों थानाें की पुलिस की संलिप्तता की मिली थी जानकारी