तिरुवनंतपुरम : केरल में बारिश में कमी और बाढ़ का पानी उतरने के बावजूद राज्य की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. बाढ़ और भूस्खलन से आठ अगस्त के बाद से राज्य में 230 लोगों की मौत हुई है.
राज्य में फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे 13 लाख लोगों के सामने अनिश्चय की स्थिति है और उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. अपनी आंखों में आंसू लिए एक बुजुर्ग महिला ने कहा, सबकुछ खत्म हो गया है. हम बर्बाद हो गये हैं. कई घर अब भी जलमग्न हैं और जो नहीं है उनमें हर कुछ टूटा-फूटा और बिखरा हुआ पड़ा है.
पंडालम के एक राहत शिविर में रह रही सबिता ने कहा कि घर के रूप में उसके पास एक छोटी सी झोपड़ी थी और बारिश के पानी में वह भी बर्बाद हो गयी. उन्होंने कहा, मैं अपने बेटे के साथ सोई थी, उसी दौरान कीचड़ भरा पानी मेरे घर में घुस आया. मैं अपने बच्चे को लेकर जल्दी से वहां से निकली.
चेल्लमा (75) ओणम की तैयारी में लगी थी और उसी समय यह विभीषिका आ गयी. उन्होंने कहा, मैंने ओणम के लिए चावल, नारियल और कुछ और चीजें खरीद ली थी. कुछ भी नहीं बचा.