नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता आशुतोष के बाद अब आशीष खेतान ने भी खुद को सक्रिय राजनीति से अलग कर लिया है. दोनों ही नेताओं ने इसके लिए ‘निजी कारणों’ को जिम्मेदार ठहराया है. खेतान ने आज कहा कि वह वकालत के पेशे पर ध्यानकेंद्रित करना चाहते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वजह से उन्हें सक्रिय राजनीति से अलग रहना पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में आशुतोष ने दिल्ली की चांदनी चौक और खेतान ने नयी दिल्ली सीट से बतौर आप उम्मीदवार चुनाव लड़ा था.
I had resigned from DDC in April, to join the legal profession. That is all. Not interested in rumours
— Prof. Ashish Khetan (@AashishKhetan) August 22, 2018
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर पार्टी द्वारा पांच सीटों केलिए चयनित प्रभारियों में इन दोनों का नाम शामिल नहीं किये जाने को भी इनकी नाराजगी की वजह बताया जा रहा है. खेतान ने पार्टी से इस्तीफा देने संबंधी मीडिया मेंआयी खबरों के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने वकालत शुरू करने केलिए ही गत अप्रैल में दिल्ली संवाद आयोग (डीडीसी) के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.’ उन्होंने सिर्फ इसी एक वजह को हकीकत बताते हुए कहा कि बाकी सब अफवाह है. इन अफवाहों में उनकी कोई रुचि नहीं है. इससे पहले 15 अगस्त को ही आशुतोष ने भी ‘नितांत निजी कारण’ बतातेहुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
हालांकि उसी दिन आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आशुतोष के इस फैसले से असहमति जतातेहुए कहा था कि उन्हें पार्टी से अलग नहीं होने केलिए मना लिया जाएगा. केजरीवाल की अध्यक्षता वाली पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) इन नेताओं के इस्तीफे पर अंतिम फैसला करेगी. केजरीवाल के एक सहयोगी ने बताया कि हाल ही में हुई पीएसी की बैठक में इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ. हालांकि उन्होंने दोनों नेताओं की निजी कारणों की दलील से सहमति जताते हुए कहा कि संगठन के लिए सक्रिय तौर पर काम नहीं कर पाने की इनकी मजबूरी को समझतेहुए पार्टी नेतृत्व दोनों नेताओं से आप से अलग होने के बजाय पार्टी से जुड़े रहने की अपील कर सकता है.