पूर्णिया : आगामी 22 अगस्त बुधवार को शहर के मधुबनी में आस्था का संसार सजेगा जहां राधा-कृष्ण का मिलन होगा. यहां पांच दिवसीय झूलनोत्सव की तैयारी शुरू है. मंगलवार को उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जायेगा. दरअसल सावन में झूलन का विशेष महत्व माना गया है. कहते हैं, आत्मा से परमात्मा के मिलन को झूलन कहा जाता है जो राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. इसमें श्री कृष्ण को परमात्मा और राधा को जीवात्मा माना गया है. मधुबनी के मंदिर में हर साल इस प्रतीक पर्व को उत्सव के रूप में मनाया जाता है.
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आस्था : झूलन में राधा-कृष्ण का होगा मिलन
पूर्णिया : आगामी 22 अगस्त बुधवार को शहर के मधुबनी में आस्था का संसार सजेगा जहां राधा-कृष्ण का मिलन होगा. यहां पांच दिवसीय झूलनोत्सव की तैयारी शुरू है. मंगलवार को उत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जायेगा. दरअसल सावन में झूलन का विशेष महत्व माना गया है. कहते हैं, आत्मा से परमात्मा के मिलन […]
दो सौ वर्ष का है इतिहास. मधुबनी में झूलन के उत्सव का इतिहास दो सौ साल पुराना है. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि तमाम मधुबनी वासी सामूहिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस पौराणिक परम्परा का निर्वाह करते आ रहे हैं. इस दौरान साफ-सफाई और मंदिर का रंग रोगन कराया जाता है. मंदिर को खास तौर पर सजाया जाता है. साज-सज्जा के लिए बाहर से कारीगर बुलाये जाते हैं. इसमें झूले पर राधा-कृष्ण को बैठाया जाता है और इसकी सज्जा को विशेष तरजीह दी जाती है.
जीवंत होती है व्रज की लोक संस्कृति. सावन में झूलनोत्सव के अवसर पर व्रज की संस्कृति जीवंत हो उठती है. व्रज की तरह मधुबनी के लोग भक्त के रस में डूब जाते हैं और भगवान श्री कृष्ण और राधा नित नवीन परिधान में नई सज्जा के साथ भक्तों को अजीब आनंद की अनुभूति दिलाते हैं. श्यामा श्याम झूले पे पधराएं, धीरे-धीरे सखियां झोंके लगाएं, कोई वीणा बजाएं कोई ढोल बजाएं, कोई दिव्य दंपती को पान खिलाएं, मोर-पपीहा भी मस्ती में झूमे नाचे गायें, सब मिल कर झूलन का उत्सव मनाएं. कुछ एेसे ही पारंपरिक गीतों के साथ आयोजन को व्रज का रुप देने की कोशिश की जाती है.
मंदिर की सजावट होगी आकर्षण का केंद्र. आगामी 22 से 26 अगस्त तक होने वाले इस झूलनोत्सव में मंदिर की सजावट आकर्षण का केंद्र होगी. खास कर इसमें सजाया जाने वाला मोर लोगों को आकर्षित करेगा. इसके लिए बाहर से खास कारीगरों को बुलाया गया है. स्थानीय लोग खुद भी इसकी व्यवस्था में जुटे हुए हैं. अध्यक्ष गोपाल प्रसाद, सचिव महादेव केशरी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उपसचिव मृत्युंजय, प्रदीप केशरी, विजय केशरी, बमबम केशरी, बबलू केशरी, आशीष केशरी, रतन केशरी और कानूनी सलाहकार उदय केशरी आदि मुख्य रूप से आयोजन की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. यहां मेला की भी तैयारी चल रही है .
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