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होल्डिंग टैक्स जमा करते हैं फिर भी नहीं मिलतीं सुविधाएं
चास : चास नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 02 चीराचास में बसा मातृ निकेतन को-आॅपरेटिव के निवासी प्रतिवर्ष नगर निगम को लाखों रुपये टैक्स देते हैं. इसके बावजूद मुहल्ले वासियों को सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 2016 में ही निगम के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर सड़क, […]
चास : चास नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 02 चीराचास में बसा मातृ निकेतन को-आॅपरेटिव के निवासी प्रतिवर्ष नगर निगम को लाखों रुपये टैक्स देते हैं. इसके बावजूद मुहल्ले वासियों को सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 2016 में ही निगम के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर सड़क, नाली व पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये पत्राचार किया गया था.
पत्र की प्रतिलिपि स्थानीय विधायक व उपायुक्त को भी दी गयी थी, लेकिन दो वर्ष बीतने को हैं, ना तो सड़क बनी और ना ही नाली का निर्माण हुआ. लगभग 50 परिवार से अधिक निवास करने वाले इस मुहल्ले के लोग अधिकांश बीएसएल के रिटायर कर्मी हैं. यहां के भीम सिंह, भुवनेश्वर महतो, मनोज सिंह, सुनील कुमार, दुलाल चंद्र मल्लिक ने बताया कि मातृ निकेतन को-आॅपरेटिव में लोग वर्ष 2012 से बसना शुरू किये. नगर निगम को होल्डिंग टैक्स जमा किया जा रहा है, लेकिन लोगों को कोई सुविधाएं नहीं मिलती है. केवल नाम मात्र के लिए हमलोग शहरी इलाके में शामिल हैं. वर्तमान हालात ग्रामीण इलाकों से भी खराब हैं.
सड़क, नाली व पेयजल है मुख्य समस्या : स्थानीय मथुरा प्रसाद मल्लिक, भोलानाथ महतो, आलोक मित्रा, जवाहरलाल, डीएन सिन्हा, आरसी दास ने बताया कि यहां की मुख्य समस्या सड़क, नाली व पेयजल है. बरसात में कच्ची सड़क पर जगह-जगह जल-जमाव हो जाता है. इससे बच्चों व बुजुर्गों को आवाजाही में बहुत परेशानी होती है. इसके अलावा नाली नहीं होने की वजह से घरों व बरसात का पानी सड़क पर ही बहता है. ड्रेनेज सिस्टम से लेकर सीवरेज सिस्टम पर कोई काम नहीं किया गया है. जरा-सी बारिश होने पर भी सड़क पर जलजमाव होता है. इससे दुर्घटना भी होती है.
नहीं होती मुहल्ले की सफाई : कामख्या रजक, अशोक रजक, सुशांत मिश्रा, अशोक रजक आदि ने बताया कि चीराचास मुख्य सड़क की सफाई प्रतिदिन होती है. लेकिन मुहल्लों में सफाई कर्मी आते ही नहीं है. सफाई नहीं होने के कारण मुहल्ले के गलियों में कचरा जहां-तहां पड़ा रहता है. बताया कि यह मुहल्ला शुरू से उपेक्षित रहा है. विकास का कोई काम नहीं किया गया है.
पाइप लाइन का विस्तार नहीं : लोगों ने बताया कि मातृ निकेतन में निगम की ओर से सप्लाई पानी के लिये पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है. इस कारण लोगों को लगभग 300 मीटर दूर से सप्लाई पानी का कनेक्शन लेना पड़ा है. बताया कि इसके लिए 15 से 20 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े. क्योंकि लोगों को खुद से पाइप लगाकर कनेक्शन घर लाना पड़ा है. सप्लाई पानी की सुविधा नहीं मिलने पर लोगों को दूसरे जगह से पेयजल लाना पड़ता है.
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