नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर भारत सहित कई देश शोक में डूबे हुए हैं. मॉरिशस सरकार ने देश में अपना राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया, वहीं दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने यूनियन जैक को भी आधा झुका दिया. अमेरिका, रूस समेत कई देशों के नेताओं ने अटलजी के निधन पर शोक जताते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने एवं क्षेत्रीय शांति बनाये रखने में उनके योगदान को याद किया. इधर, देश के सभी दलों के नेताओं ने भी अटलजी को नम आंखों से विदाई दी. उनकी अंतिम यात्रा में करीब सभी दलों के नेता शामिल हुए. सभी नेताओं ने उनके निधन को वैश्विक संदर्भ में अपूरणीय क्षति बताया.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वाजपेयी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा. पुतिन ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का दुनियाभर में बड़ा सम्मान था. उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जायेगा, जिन्होंने दोनों देशों के बीच दोस्ताना और गौरवपूर्ण रणनीतिक साझेदारी में व्यक्तिगत तौर पर बड़ा योगदान दिया. अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ,भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री त्सेरिंग टोबगे, मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल गयूम एवं प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार, पाकिस्तान सरकार और नामित प्रधानमंत्री इमरान खान एवं शहबाज शरीफ समेत शीर्ष नेताओं ने शोक-संवेदना प्रकट की.
श्रमिकों के लिए मन में थी खास जगह
रेलवे कर्मचारियों ने शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी और श्रमिक आंदोलन के प्रति उनके समर्पण को याद किया. वाजपेयी करीब 12 वर्ष 1959 से 1971 तक ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे थे. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्रा ने एक बयान में वर्ष 1996-97 के दौरान दिल्ली-लखनऊ मेल में तत्कालीन सांसद वाजपेयी से हुई भेंट को याद किया. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने मुझसे कहा कि वह बेहद जल्दी में हैं और बहुत भूखे हैं. हमने उनके लिए एक दर्जन केले का इंतजाम किया. उन्होंने चार पांच केले सहयात्रियों के बीच बांटे और बाकी खुद खाये. मुझे विश्वास नहीं हो सका कि वह इतने सामान्य कैसे थे. खाने के बाद उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया. वाजपेयी के मन में श्रमिकों के लिए खास जगह थी और रेलवे कर्मचारी संघ के साथ उनका संबंध बड़ा करीबी था.
जब रामबिलास को भेंट कर दी थी जीप
हरियाणा के शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी जी अपने सहयोगियों का खासा ख्याल रखते थे. उनकी हर परेशानी को दूर करने के लिए तत्पर रहते थे. 20 अक्टूबर, 1980 को वाजपेयी ने रेवाड़ी के मोती चौक, नारनौल की आइटीआइ और महेंद्रगढ़ शहर में एक साथ तीन रैलियां कीं. रैली के बाद वाजपेयी जी ने महेंद्रगढ़ के संयोजक रामबिलास शर्मा के कार्यालय का भी दौरा किया. बातचीत के दौरान वाजपेयी जी ने जब रामबिलास से पूछा, तो उन्होंने बताया कि वह मोटरसाइकिल से ही पार्टी का प्रचार करते हैं. वाजपेयी उस समय तो कुछ नहीं बोले, लेकिन तीन दिन बाद उन्होंने अपनी निजी जीप रामबिलास के लिए भेज दी. रामबिलास वर्षों तक संघ प्रचारक के रूप में इसी जीप से सफर करते रहे. फिलहाल जीप बेहद पुरानी हो चुकी है लेकिन इस जीप को रामबिलास ने फिर से संजोने का फैसला किया है.
अंतिम यात्रा में 4,000 सुरक्षाकर्मी थे तैनात
भाजपा मुख्यालय से राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के चार हजार से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया था. दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे थे. पटनायक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर मौजूद थे, जहां वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तीस कंपनियों (करीब 2500 कर्मियों), सुरक्षा शाखा के 600 पुलिसकर्मियों और यातायात पुलिस के 800 कर्मियों को अंतिम यात्रा के सुचारु संचालन के लिए तैयार किया गया था.
अमेरिका में भारतवंशियों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर यहां भारतवंशी समुदाय के लोगों और संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआइएफ) ने वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह भारत के सबसे प्रिय राजनेताओं में से एक थे. इस संगठन की स्थापना गुजरात के भुज में आये भूकंप के बाद की गयी थी, जब वाजपेयी ने प्रवासी भारतीयों का अपने देश के लिए कुछ करने का आह्वान किया था. एआइएफ के सीइओ निशांत पांडेय ने कहा कि हम पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के दूरदृष्टि वाले विचार हमारे लिए प्रेरणादायी हैं. ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी अमेरिका ने वाजपेयी के निधन पर शोक-संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि उनके जाने से देश को बड़ा नुकसान हुआ है और 1.3 अरब जनता देश के लिए की गयी उनकी सेवाओं को याद किया.
भारत ने महान नेता खोया
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि देश ने एक प्रख्यात नेता को खो दिया है. दलाई लामा ने वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य को गुरुवार को लिखे पत्र में कहा कि मुझे उनसे परिचय का सौभाग्य रहा और उन्हें मित्र कहते हुए मुझे सम्मान महसूस होता है.
कांपते हाथों से आडवाणी ने अर्पित किये श्रद्धा सुमन
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी और उप प्रधानमंत्री रह चुके लाल कृष्ण आडवाणी की दोस्ती काफी पुरानी थी. दोनों की दोस्ती 65 सालों से थी. दोनों ने एक साथ सड़क पर धूल फांकी और सत्ता के शिखर को भी साथ चूमा. अब छह दशकों का साथ खत्म हो चुका है. ऐसे में श्रद्धांजलि देते वक्त आडवाणी के हाथ कांप रहे थे.
दुनिया भर के नेताओं ने भी अटलजी को किया याद
पाकिस्तान
वाजपेयी इस उपमहाद्वीप के महत्वपूर्ण राजनीतिक छवि वाले नेता थे और उनके निधन ने एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया है. भारत-पाकिस्तान के संबंधों में बदलाव लाने में योगदान दिया. दोनों देशों के संबंधों में सुधार के लिए वाजपेयी के प्रयास को हमेशा याद किया जायेगा.
इमरान खान
अमेरिका
वाजपेयी ने बहुत पहले ही पहचान कर ली थी कि भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी दुनिया में आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. उनके निधन पर अमेरिका के लोगों की ओर से मैं भारत की जनता के प्रति गहन संवेदना व्यक्त करता हूं.
माइक पोम्पिओ, विदेश मंत्री
रूस
उनका नाम भारतीय राजनीति के संपूर्ण परिदृश्य का अभिन्न हिस्सा बन गया. उनकी समर्पित सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकता. हम वाजपेयी को रूस के सच्चे मित्र के रूप में जानते हैं. उन्हें दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों के शिल्पकार के रूप में जाना जाता है.
राजदूत, रूस
ब्रिटेन
वाजपेयी जी के निधन से हम बहुत दुखी हैं. उन्हें हमेशा भारत के महान नेता के रूप में याद रखा जायेगा. उन्होंने देश के विकास के लिए अथक परिश्रम किया. अटल बिहारी वाजपेयी को एक उत्कृष्ट राजनेता के रूप में ब्रिटेन में हमेशा सम्मान मिला.
डोमिनिक आसक्विथ, उच्चायुक्त
अफगानिस्तान
अटलजी न केवल भारत के, बल्कि दक्षिण एशिया की दिग्गज शख्सियत और महान राजनेता थे. उनके जाने से उच्च मानदंडों वाला नेतृत्व हमारे बीच से रुखसत हो गया. दुख की घड़ी में मैं भारत के लोगों एवं उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.
शाएदा अब्दाली, राजदूत
मालदीव
अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से आहत हूं. वे अपने पीछे समृद्ध विरासत छोड़ गये. उन्होंने पूरे समर्पण भाव से प्रत्येक भारतीय के जीवन को बेहतर और उन्नत बनाने का प्रयास किया. दुख की इस घड़ी में मालदीव भारत के साथ है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.
अब्दुल गयूम, राष्ट्रपति
बांग्लादेश
भारत के महान सपूतों में से एक, पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के दुखद निधन से हम स्तब्ध हैं. निश्चित तौर पर बांग्लादेश में हम सभी के लिए यह गहरे दुख की घड़ी है. इस दुखद घड़ी में मैं बांग्लादेश के लोगों व अपनी ओर से गहरी संवेदना प्रकट करती हूं.
शेख हसीना, प्रधानमंत्री
नेपाल
वाजपेयीजी बेदाग छवि वाले ईमानदार एवं समर्पित राजनेता थे, जो लोगों की नि:स्वार्थ सेवा एवं सादगी के लिए सदैव याद किये जायेंगे. उनके निधन से भारत और दुनिया ने एक दिग्गज शख्सियत और नेपाल ने एक सच्चे मित्र और शुभचिंतक को खो दिया.
केपी शर्मा ओली, प्रधानमंत्री