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झारखंड : करणपुरा क्षेत्र से अटल बिहारी वाजपेयी का था गहरा लगाव

बड़कागांव से 26 किलोमीटर पैदल चलकर लोग टंडवा पहुंचे थे वाजपेयी का भाषण सुनने संजय सागर@बड़कागाव भारत के महान विभूति भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का निधन होने से करणपुरा क्षेत्र के लोग सदमे में हैं. हर चौक-चौराहों में उन्हीं की चर्चाएं चल रही है. कर्णपुरा क्षेत्र के बड़कागांव, केरेडारी, टंडवा सिमरिया, चतरा […]

बड़कागांव से 26 किलोमीटर पैदल चलकर लोग टंडवा पहुंचे थे वाजपेयी का भाषण सुनने

संजय सागर@बड़कागाव

भारत के महान विभूति भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का निधन होने से करणपुरा क्षेत्र के लोग सदमे में हैं. हर चौक-चौराहों में उन्हीं की चर्चाएं चल रही है. कर्णपुरा क्षेत्र के बड़कागांव, केरेडारी, टंडवा सिमरिया, चतरा एवं हजारीबाग के लोग उस दिन को याद कर रहे हैं जिस दिन टंडवा में एक विद्युत परियोजना का शिलान्यास करने अटल बिहारी वाजपेयी आये हुए थे.

6 मार्च 1999 को जब अटल बिहारी वाजपेई का टंडवा में आगमन हुआ था, तो उस समय 26 किलोमीटर दूर से ही किसान, मजदूर, छात्र-छात्राएं समेत हर वर्ग के लोग बस, मोटरसाइकिल, बाइसाइकिल के माध्यम से उनके भाषण को सुनने के लिए टंडवा चले गये थे. इतना ही नहीं बस व साइकिल नहीं मिलने पर लोग पैदल चलकर टंडवा पहुंचकर अटल बिहारी वाजपेयी का भाषण सुनने पहुंचे थे. अटल बिहारी बाजपेई के प्रति लोगों की दीवानगी अब भी लोगों में देखने को मिल रही है.

अटल बिहारी वाजपेई टंडवा प्रखंड में उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना का शिलान्यास किया था. छह मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी टंडवा में उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना का शिलान्यास करने आये थे. 660 गुणा 3 मेगा पावर प्लांट के शिलान्यास किये थे.

एकीकृत बिहार में उनके द्वारा उत्तरी कर्णपुरा का शिलान्यास किया गया था, उस वक्त बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू था। प्रधानमंत्री के साथ तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, विद्युत संसदीय कार्य एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्री पीआर कुमार मंगलम, केंद्रीय रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडीस, रेल मंत्री नीतीश कुमार, बिहार के तत्कालीन राज्यपाल एसएस भंडारी, तत्कालीन वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री बाबूलाल मरांडी एवं कई प्रमुख हस्तियां भी मौजूद थीं.

प्रधानमंत्री ने शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत परियोजना की स्थापना से ऊर्जा के क्षेत्र में अपेक्षित सफलता मिलेगी. एनटीपीसी की यह महत्वकांक्षी परियोजना से अगले वर्ष बिजली की आपूर्ति शुरू हो जायेगी. एनटीपीसी परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. वाजपेयी जी की यह तौफा टंडवा ही नहीं, बड़कॉगाव, केरेडारी, हजारीबाग बल्कि झारखंड के लोग कभी नहीं भूल पायेंगे.

उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना से बिजली का उत्पन्न वैसे एक दशक पहले ही शुरू हो जाता. लेकिन बीच के वर्षों में कोयला और ऊर्जा मंत्रालय के बीच उत्पन्न विवाद के कारण मंझदार में फंस गया था. जिस स्थान पर ताप परियोजना की स्थापना हो रही है, उसके भू-गर्भ में अकूत कोयले का भंडारण है. जिसके कारण कोयला मंत्रालय ने आपत्ति दर्ज करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया था. वर्ष 2014 में कोयला और ऊर्जा मंत्रालय के बीच हुए समझौता के बाद ताप परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ.

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