बुरहानुपर (मप्र) : बुरहानपुर की एक विशेष अदालत ने दुष्कर्म के बाद 30 वर्षीय महिला की हत्या के मामले में 34 वर्षीय व्यक्ति को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनायी है.
विशेष न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि आरोपी का यह अपराध समाज के विरुद्ध है जो विरल से विरलतम श्रेणी में आता है. ऐसे आरोपी समाज में गैंगरीन रोग की तरह है जिसे शरीर से अलग करके ही शरीर को बचाया जा सकता है. समाज को बचाने के लिए आरोपी को समाज से अलग करने का दायित्व अदालत का है.
न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि वर्तमान में दुष्कर्म एवं हत्या की घटनाओं में वृद्धि होने के कारण सामाजिक परिवेश में महिलाएं अपने आपको अत्यंत असहाय व असुरक्षित महसूस कर रही हैं. यदि अपराधियों को उचित दंड नहीं दिया गया, तो ऐसे अपराधियों के हौसले बढ़ते जाएंगे और दंड का भय भी समाप्त हो जाएगा.
लोक अभियोजक शांताराम वानखेड़े ने बताया कि विशेष सत्र न्यायाधीश राजेश नंदेश्वर ने महिला से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के अपराध में 38 दिन में सुनवाई पूरी करगुरुवारको प्रकाश लहासे (34) को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनायी.
उन्होंने बताया कि अभियुक्त को इससे पहले हत्या के एक मामले में 11 साल जेल की सजा काटने के बाद उच्च न्यायालय ने जमानत पर छोड़ा था. इसके बावजूद भी उसने महिला के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या का जघन्य अपराध किया.
वानखेड़े ने बताया कि आरोपी ने 17 मई 2018 को जिला मुख्यालय बुरहानपुर से आठ किलोमीटर दूर ग्राम खड़कोद में शौच के लिए जा रही महिला को अगवा कर उसे केली के खेत में ले जाकर जबरन दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी.
वानखेड़े ने बताया कि मामले में कुल 38 गवाहों के बयान हुए. उन्होंने बताया कि अदालत ने प्रकाश लहासे को भादवि की धारा 302 के तहत मृत्यदंड, धारा 364 और धारा 376 (2) के तहत आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया.
उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में आरोपी पर हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं से छेड़छाड़ सहित कुल दर्ज हुए नौ मामले सामने आये. आरोपी हत्या के मामले में उच्च न्यायालय से जमानत पर होने के बाद लगातार अपराध कर रहा था.