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‘साझी विरासत” में यकीन रखने वालों का एकजुट होना जरूरी : विपक्ष

नयी दिल्ली : विपक्षी दलों ने भाजपा और मोदी सरकार पर धर्म, जाति और क्षेत्र के आधार पर देश को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाते हुये देश की ‘साझी विरासत’ में विश्वास करने वाले दलों से एकजुट होकर विभाजनकारी ताकतों को परास्त करने की जरूरत पर बल दिया है. वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद […]

नयी दिल्ली : विपक्षी दलों ने भाजपा और मोदी सरकार पर धर्म, जाति और क्षेत्र के आधार पर देश को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाते हुये देश की ‘साझी विरासत’ में विश्वास करने वाले दलों से एकजुट होकर विभाजनकारी ताकतों को परास्त करने की जरूरत पर बल दिया है. वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव द्वारा आज यहां आयोजित पांचवें सांझी विरासत सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पीडीपी के फारुख अब्दुल्ला और वाम दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने देश में व्याप्त सांस्कृतिक और सामाजिक भय का मौजूदा दौर खत्म करने के लिये एकजुट होने का संकल्प लिया.

सम्मेलन में गांधी ने मौजूदा हालात को गंभीर चुनौती बताते हुये कहा ‘‘सांझी विरासत मुहिम का संदेश यही है कि हम सब साथ मिलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा को परास्त करेंगे.” इससे पहले शरद यादव ने कहा कि मोदी सरकार की विघटनकारी नीतियों के कारण संविधान भी संकट में है. उन्होंने कहा ‘‘संविधान देश की सांझी विरासत का आइना है, इसीलिये हमारे लिये संविधान गीता और कुरान की तरह पवित्र है. इस विचार में यकीन रखने वाले लोगों को एकजुट होना ही होगा तभी यह विरासत बचेगी .” अब्दुल्ला ने हालात की गंभीरता का हवाला देते हुये आगाह किया ‘‘अगर अभी एक नहीं हुए तो फिर इस मुश्किल दौर से देश को बाहर निकालना मुमकिन नहीं होगा. भले ही इसके लिये हम सभी को अपने राजनीतिक हितों के साथ थोड़ा बहुत समझौता क्यों न करना पड़े.”
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने भी कहा कि सांझी विरासत अभियान का लक्ष्य संविधान का संरक्षण करना है जिससे देश को सामाजिक विभाजन के संकट से उबारा जा सके. येचुरी ने चुनाव आयोग सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर उठ रहे सवालों का हवाला देते हुये कहा कि अब यह संकट शिक्षण संस्थाओं पर भी गहरा गया है. इसलिये मौजूदा सरकार को एकजुट होकर हटाना ही इस चुनौती का एकमात्र हल है.
सम्मेलन में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव, रालोद के जयंत चौधरी, जनता दल सेक्युलर के दानिश अली, राजद के जयप्रकाश यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संजीव कुमार, तृणमूल कांग्रेस के चंदन मित्रा, द्रमुक सांसद तिरुची शिवा और राकांपा के तारिक अनवर ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान सभी नेताओं ने गंभीर रूप से बीमार चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की.

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