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बरसात में मौसमी बीमारियों से ऐसे करें बचाव
हर साल बरसात का मौसम आते ही बहुत-सी बीमारियां सामने आने लगती हैं और हर उम्र का व्यक्ति इससे परेशान होता है. बीमारियों में मुख्यत: श्वसन नली, पेट एवं चर्म रोग से जुड़ी दिक्कतें ज्यादा आती हैं. हम इन रोगों का उपचार होमियोपैथी पद्धति द्वारा सरलता से बिना किसी दवा के दुष्परिणाम (Side Effect) से […]
हर साल बरसात का मौसम आते ही बहुत-सी बीमारियां सामने आने लगती हैं और हर उम्र का व्यक्ति इससे परेशान होता है. बीमारियों में मुख्यत: श्वसन नली, पेट एवं चर्म रोग से जुड़ी दिक्कतें ज्यादा आती हैं. हम इन रोगों का उपचार होमियोपैथी पद्धति द्वारा सरलता से बिना किसी दवा के दुष्परिणाम (Side Effect) से कर सकते हैं.
श्वसन नली के रोग व उपचार
इन्फ्लूएंजा (Flu) : यह Viral Infection के कारण होता है, जिसमें आंख, नाक से पानी जलन, शरीर में असहनीय दर्द एवं बुखार हो जाता है.
Rhus Tox 200 : बरसात के पानी में भीगने के बाद छींक, नाक से पानी आना, शरीर में दर्द, ठंडी हवा बिल्कुल बर्दाश्त न होना, बेचैनी, करवट बदलने से आराम मिलना और बुखार रहने पर 4 बूंद 4-4 घंटे पर इस दवा को दें. रोगी जल्द ठीक हो जायेगा.
Eupatorum Perf : छींक के साथ नाक और आंख से पानी आना, पूरे शरीर की मांसपेशियों में असहनीय दर्द, ऐसा लगे जैसे हड्डियां टूट जायेंगी. तब इस दवा की 200 शक्ति की 4 बूंद 4-4 घंटे पर लें. आराम मिलेगा.
Dulcumara : गर्मी का मौसम समाप्त होते ही जैसे बरसात शुरू हो बरसाती हवा चलने से नाक बंद होने लगे और प्यास लगे, तब इस दवा की 4 बूंदें 4-4 घंटे पर लें.
– डॉ एस चंद्रा, होमियोपैथी विशेषज्ञ से बातचीत
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