नयी दिल्ली : पिछले साल 15 अगस्त को अपना सबसे छोटा भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से 82 मिनट का भाषण दिया. उनका 15 अगस्त पर यह तीसरा सबसे बड़ा भाषण था.
मोदी ने आज ध्वजारोहण के बाद सुबह सात बज कर 33 मिनट पर अपना संबोधन आरंभ किया और 8 बज कर 55 मिनट पर उनका भाषण पूरा हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल यानी वर्ष 2017 में स्वतंत्रता दिवस पर अपना सबसे छोटा भाषण दिया था. तब उनका भाषण 54 मिनट का था. मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से पहली बार देश की जनता को संबोधित किया था. उस समय उन्होंने 65 मिनट का भाषण दिया था. इसके बाद साल 2015 में उनका संबोधन 86 मिनट तक चला था और 2016 में उनका भाषण डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चला था. 2016 में उन्होंने 94 मिनट का भाषण दिया था.
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में 72 मिनट का भाषण दिया था जो 2015 तक लाल किले की प्राचीर से दिया गया सबसे लंबा संबोधन था. 2015 में मोदी ने 86 मिनट का संबोधन दिया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में लालकिले की प्राचीर से 10 बार भाषण दिये और सिर्फ दो मौकों पर ही उनका भाषण 50 मिनट तक पहुंचा. इसके अलावा आठ मौकों पर मनमोहन सिंह ने अपना भाषण 32 मिनटों से लेकर 45 मिनटों के बीच रखा. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी 15 अगस्त को औसतन 30-35 मिनट तक के भाषण दिए. वाजपेयी ने अगस्त 2002 में 25 मिनट और 2003 में 30 मिनट का भाषण दिया था.
लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे मोदी ने इस बार प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार, मुद्रा योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन के सकारात्मक प्रभाव, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, माओवाद, किसानों, तीन तलाक विरोधी विधेयक और कई अन्य मुद्दों के बारे में बात की.