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47 गांवों के विकास को बनेगा मास्टर प्लान

आयोजना प्राधिकार का होगा गठन, शहर जैसी होगी सुविधा बिहारशरीफ : नगर विकास एवं आवास विभाग जिला मुख्यालय का अपना मास्टर प्लान तैयार कर रहा है. जिला मुख्यालय का प्लानिंग एरिया तय कर आयोजना प्राधिकार (प्लानिंग ऑथोरिटी) के गठन व इसे क्रियान्वित करने की कार्रवाई की जायेगी. आयोजना क्षेत्र गठित होने से जिला मुख्यालय का […]

आयोजना प्राधिकार का होगा गठन, शहर जैसी होगी सुविधा

बिहारशरीफ : नगर विकास एवं आवास विभाग जिला मुख्यालय का अपना मास्टर प्लान तैयार कर रहा है. जिला मुख्यालय का प्लानिंग एरिया तय कर आयोजना प्राधिकार (प्लानिंग ऑथोरिटी) के गठन व इसे क्रियान्वित करने की कार्रवाई की जायेगी. आयोजना क्षेत्र गठित होने से जिला मुख्यालय का अपना मास्टर प्लान होगा. इसके तहत बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र का गठन किया गया है. इसके अस्तित्व में आने के बाद तीन प्रखंडों के 47 गांवों की तस्वीर बदल जायेगी. गांवों में शहर जैसी सुविधा मिलेगी. आयोजना क्षेत्र में नूरसराय, रहुई व बिहारशरीफ के 37 गांवों को शामिल गया है. जिले में दो आयोजना क्षेत्र बिहारशरीफ व राजगीर में गठित किया गया है.
दोनों क्षेत्रों के कार्यपालक पदाधिकारी का दायित्व स्थानीय सदर एसडीओ को सौंपा गया है. आयोजना क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने के लिए जून माह में राजगीर के कन्वेंशन हॉल में प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. साथ ही बायलॉज को प्रभावी बनाने के लिए पटना में बैठक भी हुई. बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र के लिए नगर निगम के कनीय अभियंता गौरीशंकर को अधिकृत किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिल्डिंग बायलॉज होगा लागू
बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार गांवों में मास्टर प्लान को लागू किया जायेगा. विभाग के मुताबिक नवगठित आयोजना क्षेत्र प्राधिकार राजगीर, बिहारशरीफ के शहरी इलाकों में बिल्डिंग बायलॉज प्रभावी है. इसके लिए प्राधिकारों में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता, कनीय अभियंता व अमीनों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है. नगर निगम के कनीय अभियंता गौरीशंकर मंडल ने बताया कि ट्रेनिंग में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में भी बिल्डिंग बायलॉज प्रभावी हो जायेगा. इससे ग्रामीण इलाके के लोगों को भी पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत किफायती आवास, मलिन बस्ती पुनर्वास व पुनर्विकास आवास नीति का लाभ मिल सकेगा.
वैसे अमृत योजना के तहत प्लान तैयार हो रहा है. राजगीर के समेकित मास्टर प्लान की जिम्मेदारी हुडको को दी गयी है. अमृत मिशन के तहत अर्बन प्लानर्स व अन्य प्रोफेशनल्स की मदद से मास्टर प्लान बनेगा. विभाग के मुताबिक क्षेत्र प्राधिकार के स्तर से एरिया डेवलपमेंट स्कीम व जोनल डेवलपमेंटल प्लान के लिए भी मास्टर प्लान बनाया जा रहा है.
58.23 वर्ग किमी का होगा बिहारशरीफ प्लानिंग एरिया
पर्यटन स्थल से जुड़े क्षेत्रों का विकास शहर जैसा होगा. प्राधिकार जल्द विकास की रूपरेखा बनायेगा. चयनित गांवों का नक्शा तैयार कर उसका विकास किया जायेगा. बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र (प्लानिंग एरिया) 58.23 वर्ग किलोमीटर का होगा, जिसमें बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र, रहुई, नूरसराय के भू-भाग को शामिल किया गया है. इस आयोजना क्षेत्र में 37.91 किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र व शेष 20.32 वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्रफल होगा. उत्तर में रहुई के इमादपुर सिकंदरपुर, देकपुरा, मोरा तालाब, मुशेपुर से होते हुए नूरसराय के इब्राहिमपुर लोहरी, डोइया, दक्षिणी भाग में बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र के रोजेवदार आलम, कमरपुर, पहाड़पुरा, कोसुक से होते हुए लखरावा और पचाड़ी तक, पूरब में बिहारशरीफ के बसमनबिगहा, बरियापुर, कल्याणपुर के क्षेत्र तक व पश्चिम में नूरसराय के ककहरा, मंडाछ, बियाबानी और मधड़ा.

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